बुढ़ाना कस्बे में भाकियू और मुस्लिमों पर जमकर बरसे उमेश मलिक
बुढ़ाना विधानसभा पर चुनाव संपन्न होने के बाद उमेश मलिक ने कस्बे के तिराहे कार्यकर्ताओं का धन्यवाद सम्मेलन का आयोजन किया
मुज़फ्फरनगर। बुढ़ाना विधानसभा सीट पर चुनाव संपन्न होने के बाद पूर्व विधायक उमेश मलिक में हारने के बाद भी बुढ़ाना कस्बे के तिराहे कार्यकर्ताओं का धन्यवाद सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की भारी में मौजूदगी रही। कार्यक्रम में उमेश मलिक भारतीय किसान यूनियन एवं जमकर बरसे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद उमेश मलिक ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद सम्मेलन आयोजित किया। कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व विधायक उमेश मलिक ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में जनपद के अंदर कई आंदोलनों में जेल जाने का मौका भी मिला। उन्होंने कहा कि अगर मैं भाजपा का कार्यकर्ता ना होता और डॉ संजीव बालियान भी भाजपा के कार्यकर्ता ना होते तो जीवन में कभी-भी उत्तर प्रदेश में और भारत की सबसे बड़ी महापंचायत में पहुंचने का मौका ना मिलता। उन्होंने कहा कि हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं और आपके बीच रहकर लगातार कार्य करते रहे हैं। वर्ष 2012 में भाजपा ने मुझे बीजेपी का प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में मात्र 16 हजार वोट मिली और हारने के बाद भी मैं आप लोगों के बीच रहकर काम किया। इसके बाद वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने डॉ संजीव बालियान को टिकट दिया।
उमेश मलिक ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बुढाना विधानसभा पर प्रभारी के रूप में कार्य किया। वर्ष 2014 के इस लोकसभा चुनाव में 1,53,700 वोट मिली थी। हम दोनों लोगों को विधायक और सांसद चुनकर आपने विधानसभा और संसद भेजने का काम किया। वर्ष 2013 में बहुत बड़ा कष्ट आया था हजारों नौजवानों लड़कों पर मुकदमे लगे थे और उत्तर प्रदेश सरकार ने नौजवानों पर मुकदमें लगाकर जेल भेजने का काम किया था। वर्ष 2013 में जब हम दोनों भाई जेल में थे और उसी दौरान हमने संकल्प लिया था कि राजनीति कोई बड़ी बात नहीं अगर समाज बचेगी तो राजनीति चलेगी। हमने लगातार जेल से बाहर आने के बाद लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद वो काम किया अगर सपा की सरकार होती तो उन नौजवानों को फांसी की सजा मिलती।
उन्होंने कहा कि जब ना कोई लोकदल आई थी और ना यूनियन आई थी। पिछले पांच वर्षों में यूपी में भाजपा की सरकार रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से अब तक भाजपा की सरकार है। वर्ष 2014 से अब तक हमने दंगों के मामलों में जेल गये अपने नौजवानों व बुजुर्गों को वहां से निकालने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि बुढ़ाना में कसाई वाली पुलिया पर गुंडागर्दी होती थी। मैंने और संजीव बालियान ने मिलकर इस गुंडागर्दी को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे गुंडे गांव में तो गोल टोपी पहनते हैं लेकिन जब थाने और तहसील में जाते हैं तो वह यूनियन की टोपी लगाकर जाते हैं । उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को चेतावनी देता हूं कि वह बुढ़ाना विधानसभा इलाकर में गुंडागर्दी करने की कोशिश ना करें। उमेश मलिक चुनाव हारा है मगर हिम्मत नहीं हारा है। पूर्व विधायक उमेश मलिक ने पुलिस प्रशासन को भी चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले नवरात्रों में बुढ़ाना विधानसभा के किसी भी रोड पर अंडे और मीट की दुकान नवरात्रि चलने तक खुलनी नही चाहिए।