पर्यावरण संतुलन के लिए किसान खेत की मेंड़ पर तुलसी भी लगाये: परमानंद गिरी
कोरोना संक्रमण में तुलसी का इस्तेमाल काफी बढ़ा है और लोगों को इसके लाभ के संबंध में जानकारी भी मिली
देवरिया। दत्तात्रेय धाम रूद्रपुर के संस्थापक स्वामी परमानंद गिरी ने कहा है कि अपने लाभ के लिए मनुष्य निरन्तर प्रकृति को हानि पहुंचाने पर आमदा है,इसी कारण आज पर्यावरण का सतुंलन खराब हो रहा है और इसके संतुलन के लिये किसान अपने खेतों में अन्य वृक्षों के साथ मेंड़ पर तुलसी के पौधे भी लगाये।
रविवार को रूद्रपुर के डीएन इन्टर कालेज में राष्ट्रीय स्वयं संघ द्वारा आयोजित पर्यावरण गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि स्वामी परमानंद गिरी ने कहा कि किसान अपने खेत के चारों तरफ मेड़ पर तुलसी का पौध लगायें तो किसान उसके औषधीय गुणों का लाभ उठाएंगे, साथ ही साथ खेत के मृदा को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि मुनि परम्परा में प्राचीन काल से ही पेड़ पौधों के संरक्षण के लिए व्यवस्था की गई,जिसकी आज भी आवश्यकता महसूस की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पीपल, पाकड़, बरगद आदि वृक्षों को लगाने के लिये तो सरकार जोर दे रही है,लेकिन सभी लोग अपने घर में अभियान चलाकर तुलसी का पौध जरूर लगवायें। इससे कई प्रकार के लाभ मिलेंगे। स्वामी ने कहा कि धर्म के साथ पर्यावरण संरक्षण को जोड़ा गया है। हमेंं पौध लगाना ही नहीं, बल्कि उन्हें लगा के फूल फल देने लायक बनाये तभी हम सबका कल्याण होगा।
कार्यक्रम को शिवम सेवा संस्थान के सचिव मृत्युंजय प्रसाद विशारद ने कहा कि हम सबको प्रकृतिक संशाधनों का अत्यधिक दोहन नहींं करना चाहिए, प्राकृतिक संशाधनों का मितब्ययिता पूर्ण उपयोग करना चाहिए।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण में तुलसी का इस्तेमाल काफी बढ़ा है और लोगों को इसके लाभ के संबंध में जानकारी भी मिली।
वार्ता