डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण में न हो विलम्ब:तिवारी

विचाराधीन होने के कारण हो रहे विलम्ब पर उन्होंने प्रभावी पैरवी कर उक्त प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कराने के निर्देश दिये

Update: 2021-07-26 14:39 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लिए भूमि अधिग्रहण के मामलो को निर्धारित समयसारिणी के अनुसार निस्तारित किया जाये ,ताकि निर्माण कार्य समय सीमा के अनुसार पूरे किये जा सकें और परियोजनाओं के पूरा होने में किसी भी प्रकार का विलम्ब न हो।

राज्य के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने आज डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लम्बित प्रकरणों की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रकरणों के निस्तारण में प्रक्रियात्मक विलम्ब न हो।

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के प्रकरणों को निर्धारित समयसारिणी के अनुसार निस्तारित किया जाये ताकि निर्माण कार्य टाइम लाइन के अनुसार पूरे किये जा सकें और प्रोजेक्ट के पूरा होने में किसी भी प्रकार का विलम्ब न हो। कपितय प्रकरण माननीय न्यायालयों में विचाराधीन होने के कारण हो रहे विलम्ब पर उन्होंने प्रभावी पैरवी कर उक्त प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कराने के निर्देश दिये।

बैठक का संचालन करते हुए प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि कॉरीडोर के अन्तर्गत 56 आरओबी बनाये जाने हैं, जिनमें से 17 का निर्माण पूरा हो गया है तथा 39 पर कार्य चल रहा है। भूमि अधिग्रहण आदि के 19 मामले हैं, जिन पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, सचिव एवं राहत आयुक्त सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण तथा वीडियोकान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्बन्धित जिलो के जिलाधिकारीगण, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व बैठक में गौतमबुद्धनगर, प्रयागराज, चन्दौली, मीरजापुर, कानपुर देहात, सहारनपुर, मेरठ, इटावा, औरैया में लम्बित प्रकरणों पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। यहां पर यह उल्लेखनीय है ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का 1058 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश से गुजर रहा है।

वार्ता

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