चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने को लालायित बहन को भी नहीं जीता पाए मंत्री
हालात इस कदर भयावह हुए हैं कि राज्यमंत्री की बहन को तीसरे स्थान पर रहकर ही संतोष करना पड़ा है।
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में शहरी सरकार के गठन के लिए हुए नगर निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में शामिल मंत्रियों की लोकप्रियता और मतदाताओं पर उनके असर की भी पोल खुल गई है। तमाम कोशिशों के बावजूद राज्यमंत्री दिनेश खटीक अपनी बहन को चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाने में असफल रहे हैं। हालात इस कदर भयावह हुए हैं कि राज्यमंत्री की बहन को तीसरे स्थान पर रहकर ही संतोष करना पड़ा है।
सहारनपुर की सरसावा नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में शामिल राज्य मंत्री दिनेश खटीक की बहन वर्षा मोगा को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा गया था। बीते दिन हुई वोटों की गिनती में राज्यमंत्री दिनेश खटीक की बहन वर्षा मोगा तीसरा नंबर की प्राप्त कर सकी है, उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी कोमल पंवार के हाथों तकरीबन 2672 वोटों की हार का मुंह देखना पड़ा है।
वोट प्राप्त करने के मामले में राज्य मंत्री दिनेश खटीक की बहन वर्षा मोगा के मुकाबले बसपा की शकुंतला देवी बेहतर हालत में रही है। 3408 वोट प्राप्त करने वाली वर्षा मोगा के मुकाबले उन्हें 3737 वोट मिले हैं। निर्दलीय चुनाव लड़कर चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज हुई कोमल पंवार के खाते में 6414 वोट पाए गए हैं। हालांकि राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपनी बहन को जीत दिलाने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं को साथ लेकर काफी दौड़-धूप की थी। कई बड़े नेताओं को साथ लेकर भी राज्य मंत्री ने अपनी बहन का प्रचार किया था। लेकिन वह अपनी बहन को चुनाव में जीत दिलाने में नाकाम रहे हैं।