गठबंधन में हार पर रूदन-बतौर भाजपा के एजेंट सपा में आए थे स्वामी प्रसाद
उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी गठबंधन को मिली हार के बाद खूब रूदन मचा हुआ है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी गठबंधन को मिली हार के बाद खूब रूदन मचा हुआ है और अब गठबंधन की गांठे खुलने की कगार पर पहुंचने लगी है। सपा गठबंधन के साथ साझीदार महान दल के अध्यक्ष ने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर साफ तौर पर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें एक साजिश के अंतर्गत समाजवादी पार्टी में भेजा है और चुनाव से पहले लंबी लंबी फैंकने वाले परिणामों में चूके हुए कारतूस साबित हुए है।
मंगलवार को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश में 18 विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में उतरे महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने इलेक्शन से एन वक्त पहले समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने एक सोची-समझी योजना के तहत उन्हें समाजवादी पार्टी में भेजा था। इससे पहले भी केशव देव मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर इशारों ही इशारों में निशाना साधते हुए कहा था कि जिन नेताओं के पास अपनी सीट बचाने लायक भी जनाधार नहीं था, वह बड़े बड़े दावे कर रहे थे।
केशव देव मौर्य ने कहा है कि सपा गठबंधन के कुछ नेता खुद तो अति आत्मविश्वास में थे ही, साथ ही उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को भी अति आत्मविश्वास में रखा। जिसके चलते सोते जागते इन नेताओं को उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनती हुई दिखाई दी। सपा की हार के बाद से ही पार्टी नेताओं एवं गठबंधन के साथियों ने बयानबाजी शुरू कर दी है।