पत्रकार राजीव सैनी का सपा मुखिया अखिलेश यादव के नाम - खुला खत

मेरा मानना है आपने 4 वर्षो में स्वयं को बहुत संतुलित तरीके से आगे बढ़ाया और केवल भाजपा की असफलताओं का ज्यादा इंतज़ार किया;

Update: 2021-05-08 11:43 GMT

लखनऊ। मुज़फ्फरनगर के वरिष्ठ पत्रकार और इलेक्शन मैनेजमेंट में माहिर राजीव प्रताप सैनी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया एंव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक खुला पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने लिखा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव को किस रणनीति के तहत लड़कर भाजपा को हराया जा सकता है।

पत्रकार राजीव प्रताप सैनी ने लिखा 

                                    माननीय अखिलेश भैया जी ,

" ये खुला खत है मेरा आपके नाम - 2022 आपका इंतजार कर रहा है ,आप उसे छूने की भरसक कोशिश भी कर रहे है ,मगर घोर अव्यवस्थाओं के बीच भाजपा के पास आज भी 37%वोट है। चुनाव आते आते वे उत्तरप्रदेश में पार्टी का चेहरा बदल देंगे ऐसी संभवाना है। नही भी बदला तो चुनाव बिना चेहरे के लड़ेंगे ,ताकि प्रशासकीय विफलताओं का बोझ पार्टी नही ढोये। विपक्षी दलों को बांट कर भाजपा 5%वोट बढ़ा कर पुनः सत्ता कब्जा सकती है ।

समाजवादी पार्टी पूर्वी उत्तरप्रदेश और अवध में मजबूत हो सकती है पर पश्चिमी उत्तरप्रदेश का समाजवादी संगठन ढांचा ध्वस्त है। मेरा मानना है कि पश्चिम से ही उत्तर प्रदेश में सरकार बनने का संदेश राष्ट्रीय फलक पर जाता है। आपने बीते 4 वर्षो में स्वयं को बहुत संतुलित तरीके से आगे बढ़ाया और केवल भाजपा की असफलताओं का ज्यादा इंतज़ार किया।

समाजवादी पार्टी चाहती तो इस बीच खुद को बूथ लेवल तक मजबूती से खड़ा कर सकती थी। बूथ का कार्यकर्ता ही प्रत्याशी या पार्टी की गलतियों की क्षमा मांग अपनी पार्टी को 5%वोट अधिक दिलवा सकता है। यह काम भाजपा का कार्यकर्ता करता है। वह प्रत्याशी की अयोग्यता को राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के बलबूते से ढक देता है और जहाँ आवश्यकता होती है वहां राष्ट्रीय नेतृत्व की अयोग्यता को प्रत्याशी के स्थानीय असर से ढक लेता है, यह काम बूथ लेवल के मात्र दस कार्यकर्ता कर देते है। इसमें किसी रैली या प्रदर्शन की जरूरत नही होती। बस पार्टी को अपने कार्यकर्ता को एक्टिवेट रखना पड़ता है।

समाजवादी पार्टी को अभी हर जिला स्तर पर पार्टी के पोस्टर ब्वाय बढ़ाने पड़ेंगे ,इनमें उधोगपति ,सामाजिक संगठन और ऐसे लोग शामिल हो, जिनकी हिन्दू समाज मे स्वीकार्यता हो । 2013 में समाजवादी पार्टी सिर्फ दंगा पीड़ितों की एक तरफ मदद और सोशल मीडिया के दुष्प्रचार से हार गई ।

उन्होंने लिखा " हिंदुओ के एक बड़े वर्ग में यह भय व्याप्त करा दिया गया कि अखिलेश यादव की सरकार आयी तो रिक्शे,रेहड़ी वाला केले बेचने वाला ,कबाड़ी, या निचले दर्जे का मुसलमान नेता बन तुम्हारा 5 साल अपमान करेगा। इसी भय में 10% वोटर पोलिंग बूथ तक जाते जाते भाजपा को वोट दे आता है। अधिकांश हिंदुओ में यह भय आज भी व्याप्त है। उन्हें लगता है कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो फिर से गुंडई बढ़ जाएगी। इस डर को समाप्त करने का फार्मूला समाजवादी पार्टी को ढूंढना पड़ेगा यदि वह 2022 में अपनी सरकार उत्तर प्रदेश में चाहती है।

पत्रकार राजीव ने लिखा ' मेरी नज़र में इसका एक ही समाधान है कि समाजवादी पार्टी स्थानीय स्तर पर ऐसे पोस्टरब्वाय तैयार करे जो अधिसंख्यक हिन्दू वर्ग को यह भरोसा दिलाने में कामयाब हो कि सपा की सरकार बनने पर पिछली सरकार जैसी स्थिति नही होगी । यदि समाजवादी पार्टी सिर्फ जनता को यह विश्वास दिलाने में कामयाब हो गई तो उसके वोट बैंक में 5%का इजाफा हो सकता है ।अखिलेश जी आपको भी अपने स्तर से सपा के कार्यकर्ताओं को संयम और अनुशासन का पाठ पढ़ाना होगा,और यह तभी सम्भव होगा जब बूथ स्तर तक आपका संदेश पहुचाने वाला मैनेजमेंट हो।

उन्होंने अंत में लिखा " हो सकता है अन्य लोगो के पास इससे भी बेहतर सुझाव हो। लोक हित में आपको यह खुला खत लिखा। आप मेरे सुझाव से असहमत हो सकते है, पर सच्चाई यही है ।

                                                               धन्यवाद सादर

                                                              राजीव प्रताप सैनी

                                                                  मुज़फ्फरनगर

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