बोले किसान नेता-राकेश टिकैत के पास कई भट्टे, पेट्रोल पंप एवं कोठियां

राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि वर्ष 1989 में राकेश टिकैत के पिता के पास दो मरे मराये बैल और एक भैंस थी

Update: 2022-03-15 13:36 GMT

झांसी। भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह कांग्रेस एवं अथारिटी के अलावा चीनी मिलों से हासिल हुई फंडिंग के जरिये मालामाल हो गए है। जिसके चलते आज उनके पास कई पेट्रोल पंप एवं ईंट भटटों के अलावा कई कोठियां हैं। किसान इस बात को नजदीक पर समझते हैं यही कारण रहा कि राकेश टिकैत के तमाम विरोध के बावजूद उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चुनाव परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।

मंगलवार को झांसी पहुंचे भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि वर्ष 1989 में राकेश टिकैत के पिता के पास दो मरे मराये बैल और एक भैंस थी। जबकि मेरे पास उस समय सौ घोड़ी, 1500000 रुपए का सांड और 50 मुर्रा भैंस के अतिरिक्त 50 साहिवाल गाय थी। लेकिन किसानों की लड़ाई लड़ते-लड़ते मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया है। जबकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कांग्रेस एवं चीनी मिलों के अलावा अथारिटी से मिली फंडिंग के बाद मालामाल हो गए हैं, जिसके चलते आज उनके पास कई पेट्रोल पंप हैं और उन्होंने कई भट्टे भी स्थापित कर लिए हैं। इतना ही नहीं राकेश टिकैत ने फंडिंग के माध्यम से रहने के लिये कई कोठियां भी बना ली हैं। किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मेरे बेटे ने चिप्सोना आलू की खेती की थी। लेकिन उसी दौरान नोटबंदी हो गई जिसके चलते मेरे बेटे को कई साल तक आलू फेंकना पड़ा। जिसकी वजह से उसे 24 से 25 करोड रूपये का घाटा हो गया और इसी के चलते उसने वर्ष 2018 की 24 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी। मेरा बेटा मरते मरते कह गया था कि पापा मैं तो जा रहा हूं लेकिन अब किसी किसान का बेटा आत्महत्या नहीं करें। इसीलिए किसानों के हित में प्रधानमंत्री गृहमंत्री और कृषि मंत्री मेरी बात मानने को तैयार हो गए। इसीलिए बेटे का मोह छोड़कर मैंने देश के किसानों के बेटों के लिए भाजपा का साथ दिया है।

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