आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाना न्याय नहीं बर्बरता- खडगे-प्रियंका
यह न्याय नहीं अन्याय है और कानून की अवधारणा है इसलिए इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपराध के बदले घर पर बुलडोजर चला कर परिवार को छत विहीन करने को अन्याय और बर्बरता करार देते हुए कहा है कि यह अमानवीयता और इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए।
वाड्रा ने कहा कि किसी अपराधी को सजा देने के लिए उसके घर पर बुलडोजर चलाने को न्याय नहीं कहा जा सकता है। किसी भी सभ्य समाज में अपराध के बदले आरोपी के परिवार को बुलडोजर से उनकी छत तोड़कर सजा नहीं दी जा सकती। यह न्याय नहीं अन्याय है और कानून की अवधारणा है इसलिए इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए।
खड़गे ने कहा, “किसी का घर तोड़ना और उसके परिवार को बेघर करना अमानवीय भी है और अन्यायपूर्ण भी। भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों को बार-बार निशाना बनाना परेशान करने वाला है। कानून के समाज में ऐसे कार्य स्वीकार्य नहीं है।”
उन्होंने इसे अमानवीय कार्रवाई करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की और कहा “कांग्रेस इसे संविधान की घोर अवहेलना तथा नागरिकों में भय पैदा करने की रणनीति मानती है और आरोपी के घर को तोड़ने के लिए बुलडोज़र के इस्तेमाल के लिए भाजपा सरकारों की कड़ी निंदा करती है। अराजकता प्राकृतिक न्याय का स्थान नहीं ले सकती-अपराधों का फैसला राज्य प्रायोजित व्यवस्था से नहीं बल्कि अदालतों में होना चाहिए।”
वाड्रा ने कहा, “अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है, लेकिन आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, कानून का पालन न करना, अदालत की अवहेलना करना, आरोप लगते ही आरोपी का घर ढहा देना- यह न्याय नहीं है। यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है।” कांग्रेस महासचिव ने कहा, “कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए। सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं। कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है। जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का। बुलडोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए।”