भाजपाइयों का थाने पर बवाल- दरोगा का कॉलर पकड़ने का प्रयास

तमाम गुहार के बाद भी पुलिस इलाज के लिए उन्हें अस्पताल नहीं ले गई।

Update: 2024-04-09 04:47 GMT

वाराणसी। बीएचयू कर्मी की रिपोर्ट नहीं लिखने के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने थाने पर बवाल काटते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए दरोगा का कालर पकड़कर उसे घसीटने का प्रयास किया गया। भाजपाइयों के हंगामा से थाने पर अफरा तफरी फैली रही।

वाराणसी के चितईपुर थाने में कर्मजीतपुर के रहने वाले बीएचयू कर्मी राजेंद्र सिंह पटेल का पड़ोस में रहने वाले लोगों के साथ विवाद हो गया था। पड़ोसियों ने बीएचयू कर्मी के बेटे व उसकी पत्नी के साथ भी मारपीट की थी। लाठी डंडे और चाकू से किए गए हमले में घायल विनीत सिंह, अंकित सिंह और कृष्णा सिंह को इलाज करने की बजाय पुलिस थाने पर ले गई। तमाम गुहार के बाद भी पुलिस इलाज के लिए उन्हें अस्पताल नहीं ले गई। इस दौरान अंकित सिंह थाने पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा।

आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा नहीं लिखा। इसी बीच मामले की जानकारी पाकर भाजपा पार्षद एवं भाजपा नेता अशोक पटेल, अभिषेक मिश्रा, शत्रुघ्न पटेल, विक्रम, वेद, मंचल मिश्र और राकेश पटेल आदि थाने पर पहुंच गए और बीएचयू कर्मी की ओर से मुकदमा लिखे जाने की मांग की। इस पर थाना अध्यक्ष ने आंखें तरेरते हुए भाजपा नेताओं को अपने प्रभाव में लेने का प्रयास किया तो उनकी थानेदार से नोक झोक हो गई। बस यही से मामला गर्मा गया और थोड़ी ही देर में थाने में धरना प्रदर्शन शुरू हो गया।

इस दौरान थाने में पुलिस मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे और भाजपा नेता तत्काल थानेदार को हटाने की मांग पर अड गए। इस दौरान भाजपा पदाधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं लिखने वाले दरोगा का कॉलर पड़कर उसे घसीटने का प्रयास किया। कमरे में घुसकर दरोगा को खरी खोटी सुनाई। थाने के पुलिस कर्मियों ने जब भाजपा नेताओं को धक्के देकर बाहर निकाला तो सब वहीं धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस पीड़ित पक्ष की ओर से मुकदमा लिखने को तैयार हुई, तब कहीं जाकर मामले का पटाक्षेप हुआ।

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