राजभर की गाड़ी रूकने से सियासत में आया उबाल
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व काबीन मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी के कार्यक्रम में जा रहे थे
लखनऊ। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी के कार्यक्रम में जा रहे थे। इसी दौरान बांदा की तिंदवारी पुलिस ने उनके काफिले को रोककर तलाशी ली, जिसके बाद सियासत में उबाल आ गया। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मुझे अपमानित करने के उद्देश्य से सीएम योगी जी की पुलिस ने गाड़ी रोक ली। इस बात का उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को ट्विटर पर टैग करते हुए उनसे जवाब मांगा। ओपी राजभर के साथ किये गए व्यवहार को देखते हुए सियासत में उबाल आ गया। समाजवादी पार्टी ने भी भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए इसे घोर निंदनीय बताया। सुभासपा के अन्य नेता भी राजभर के साथ हुए व्यवहार की घोर निंदा कर रहे हैं।
सुभासपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीयूष मिश्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो को अपलोड किया। यह वीडियो सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की है। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि बांदा की तिंदवारी कोतवाली के सामने ओमप्रकाश के काफिले को पुलिस ने रोक लिया और तमाम गाड़ियों की चेकिंग की। इस वीडियो के साथ पीयूष मिश्रा ने लिखा है कि मुख्यमंत्री जी ओमप्रकाश राजभर जी एक जनप्रतिनिधि है न कि कोई अपराधाी और न अभी आचार संहिता लगी हुई है। आपकी पुलिस ने एक जनप्रतिनिधि के अपमान के साथ-साथ पूरे पिछडे/राजभर समाज का अपमान किया है। इसका करारा जवाब 2022 के चुनाव में आपको पिछड़ा समाज देगा। तैयार रहिएगा।
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि आज बाँदा के तिंदवारी में मुझे अपमानित करने के उद्देश्य से सीएम योगी जी की पुलिस ने गाड़ी रोक ली और मेरे गाड़ी को अपराधियों की तरह तलाशी लेकर बदसलूकी की। पिछड़ों को बीजेपी वाले भैंसा कहते हैं और अब गाड़ी की तलाशी कर रहे हैं। भाजपा के लोडर केशव मौर्या जी, स्वतंत्र देव जी जवाब दो?
समाजवादी पार्टी ने अपने अकाउंट ट्विटर पर लिखा है कि पिछड़ों और वंचितों को अपमानित करने में नए नए कीर्तिमान स्थापित करने वाली भाजपा ने बांदा में सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर जी से सीएम के इशारे पुलिस द्वारा बदसलूकी घोर निंदनीय! हर अपमान का जवाब सूद समेत सभी वंचित, शोषित, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक वर्ग मिलकर देंगे जवाब।