निकाय चुनाव- बसपा ने खड़ा किया अपना पहला उम्मीदवार

स्थानीय निकाय चुनाव के ऐलान में भले ही देरी हो रही हो मगर बसपा ने निकाय चुनाव के लिए अपने पहले उम्मीदवार की घोषणा कर दी

Update: 2022-12-21 13:47 GMT

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव के ऐलान में भले ही देरी हो रही हो मगर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने निकाय चुनाव के लिए अपने पहले उम्मीदवार की घोषणा कर दी है।

सामान्य वर्ग की महिला के लिये आरक्षित सहारनपुर नगर निगम मेयर पद पर पार्टी पूर्व विधायक एवं पूर्व पालिकाध्यक्ष इमरान मसूद की पत्नी सायमा मसूद को चुनाव लड़ायेगी।

इमरान मसूद ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज मेयर पद के प्रत्याशी के लिये उनकी पत्नी सायमा मसूद के नाम पर मोहर लगा दी है।

इससे पूर्व बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने सायमा मसूद के नाम की घोषणा की थी। सायमा मसूद के पति इमरान मसूद वर्ष 2006 में सहारनपुर नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए थे और वर्ष 2007 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में तत्कालीन काबिना मंत्री सपा नेता जगदीश राणा को बेहट सीट पर चुनाव हरा दिया था और विधायक चुने गए थे। बाद में सहारनपुर नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दे दिया गया था। जिसका पहला चुनाव पांच साल वर्ष पूर्व हुआ था।

पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित मेयर सीट पर भाजपा प्रत्याशी संजीव वालिया ने बसपा उम्मीदवार वर्तमान में बसपा सांसद हाजी फजर्लुरहमान कुरैशी को बहुत मामूली अंतर से चुनाव में पराजित किया था।

इमरान मसूद ने कहा कि जिस उम्मीद के साथ मायावती जी ने उनकी पत्नी को उम्मीदवार घोषित बनाया है तो वह पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और जीत दर्ज करेंगे। बसपा में अभी सांसद फजर्लुरहमान कुरैशी के रूख को लेकर खासी बेचैनी है। क्योंकि मायावती ने फजर्लुरहमान कुरैशी की अनदेखी करते हुए इमरान मसूद को 19 अक्टूबर 2022 में बसपा में शामिल किया था और उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा को संगठित करने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी।

इमरान मसूद इसी वर्ष 12 जनवरी को कांग्रेस को छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। लेकिन विधान सभा चुनाव में अखिलेश यादव ने इमरान मसूद को किसी भी सीट से टिकट ना देकर गच्चा दे दिया था। सपा में शामिल होने से पूर्व इमरान मसूद कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शामिल थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के बेहद नजदीकी होने के साथ-साथ वे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी थे। एक साल के भीतर ही इमरान मसूद अपने राजनीतिक वनवास से बाहर आने के लिए तीसरा दल बदलकर बसपा की सियासत में सक्रिय हुए हैं।

वार्ता

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