भागदौड़ के साथ किस्मत ने मारा जोर- 8 माह पहले हारी महिला बनी प्रधान

8 महीने पहले हुए पंचायत चुनाव के दौरान नकुरी कलां में राधा रानी ने प्रतिद्वंदी कुसुम के खिलाफ प्रधान का चुनाव लड़ा था।

Update: 2021-11-10 07:52 GMT

सीतापुर। पंचायत चुनाव में धांधली किए जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट की शरण में पहुंची महिला प्रधान प्रत्याशी ने अपने हक की लड़ाई जीत ली है। हाईकोर्ट के आदेश पर हुई पुर्नमतगणना के परिणामों के बाद हारी हुई महिला प्रधान प्रत्याशी की खुशी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहा जब महिला अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 2 मतों से हराते हुए ग्राम प्रधान निर्वाचित घोषित कर दी गई है।

दरअसल तकरीबन 8 महीने पहले हुए पंचायत चुनाव के दौरान लहरपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम नकुरी कलां में राधा रानी नाम की महिला ने अपनी प्रतिद्वंदी कुसुम कुमारी के खिलाफ प्रधान पद का चुनाव लड़ा था। तकरीबन 15 दिनों तक चली प्रचार की प्रक्रिया के बाद जब मतदान हुआ तो गांव वालों ने दोनों उम्मीदवारों का भाग्य मतपेटियों के भीतर बंद कर दिया। निर्धारित तिथि पर जब ब्लॉक मुख्यालय पर मतों की गिनती की गई तो कुसुम कुमारी को 220 तथा राधा रानी को 207 वोट प्राप्त हुई। रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से कुसुम कुमारी को विजई घोषित कर दिया गया। लेकिन राधा रानी को मतगणना पर विश्वास नहीं हुआ, जिसके चलते राधा रानी तत्कालीन जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राम शंकर पांडे पर मतगणना में धांधली बरते जाने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय पहुंच गई और वहां पर रिट दाखिल करते हुए रिकाउंटिंग करवाने की अपील की।

पंचायत चुनाव में मिली हार से नाखुश महिला प्रत्याशी को अपनी जीत का इस कदर भरोसा था कि वह उच्च न्यायालय में तकरीबन 8 माह तक लगातार सुनवाई पर जाती रही। हाईकोर्ट की ओर से रिट दायर करने वाली महिला प्रत्याशी का दावा मजबूत मानते हुए जिला प्रशासन को मतों की दोबारा से गिनती कराने के निर्देश दिये गये। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हाईकोर्ट के निर्देश पर जब दोबारा से मतगणना की गई तो रिट दायर करने वाली महिला प्रत्याशी की खुशी का उस समय ठिकाना नहीं रहा जब वह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 2 वोट से हराते हुए विजय घोषित की गई। राधा रानी ने हाईकोर्ट की शरण में जाकर जिला प्रशासन को अब आईना दिखा दिया है और वह बुधवार को गांव के प्रधान पद पर काबिज हो गई है।



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