अपने वोटरो की उम्मीद तोड़ - BJP की शरण में पहुंचे ज़िला पंचायत सदस्य

43 में से 30 वार्डो पर वोटरों ने बीजेपी कैंडिडेट हराने के लिये अन्य दलों और निर्दल को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जिताया

Update: 2021-06-09 04:44 GMT

मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन, कोरोना काल के चलते मुज़फ्फरनगर में किसान , कामगार और मुस्लिम वोटर ने तय कर लिया था कि इस बार बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को हराया जाएगा। चुनाव का रिजल्ट आया तो हुआ भी वही, भाजपा 43 में से सिर्फ 13 सीट जीत पायी और बहुमत के आकंड़े से 10 सीट दूर रह गयी। अन्य दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों की 30 सीटों पर जीत के बाद लग रहा था कि विपक्ष का संयुक्त कैंडिडेट जिला पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होकर ज़िले का प्रथम नागरिक बन जाएगा। इस दौरान बीजेपी को हराने के लिए जिन नेताओं को पब्लिक ने चुना था उनमे से कई अपने वार्ड की जनता से दगा कर बीजेपी के पाले में जा खड़े हुए। इन जिला पंचायत सदस्यों से वार्ड की जनता बेहद नाराज है।

पिछली बार भाजपा का जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया था। इस बार 43 में से 30 वार्डो पर किसान, कामगार और मुस्लिमों ने बीजेपी कैंडिडेट हराने के लिये अन्य दलों और निर्दलीयों को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जिताया था क्योंकि उनकी उम्मीद थीं कि वह जीतकर भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी का विरोध करेंगे और बीजेपी का जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बनने देंगे।

चुनाव में पब्लिक में भाजपा के खिलाफ जहर उगलने वाले कुछ जिला पंचायत सदस्य जीतने के बाद अब अपने कारोबार, अपने खिलाफ दर्ज मुकदमो से जान बचाने एंव सत्ता पक्ष के साथ रहने की लालसा में बीजेपी प्रत्याशी को जिताने के लिये भाजपा के बड़े नेताओं से सम्पर्क साधे हुए हैं। शहर से सटे एक रेस्टोरेन्ट में बीजेपी नेताओं की मीटिंग में इन जिला पंचायत सदस्यों की मौजूदगी की खबर के बाद इनके इलाके की जनता में काफी आक्रोश दिखाई पड़ रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी के पाले में जाने वाले इन जिला पंचायत सदस्यों को लेकर सपा नेता गौरव जैन ने अपने फेसबुक अकांउट पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि दुःखद चंद मुकदमों से डरने वाले या चंद पैसों में बिक जाने वाले क्या किसी कौम का भविष्य तय करेंगे- ऐसे गद्दारों को पहचानों- बेनकाब करो उनका जमीर जगाओ- मान जाएं तो ठीक अन्यथा आगे इन गद्दारों को याद रखो।


अब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है। भाजपा के बाद पहले भीम आर्मी और सपा ने सईदुज्जमां की पत्नी को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया जिस पर रालोद और किसान यूनियन ने आपत्ति कर दी थी अब फिर से विपक्ष की मीटिंग हुई और बीजेपी मंत्री संजीव बालियान के पारिवारिक भाई सतेंद्र बालियान को पूरे विपक्ष ने अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया और फार्मूला तय हुआ कि ढाई साल सतेंद्र बालियान  तो ढाई साल बाद सपा का समर्थक जिला पंचायत चैयरमेन बनेगा ।

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