यूपी में लटक सकते हैं स्थानीय निकाय के चुनाव
खुशी की खबर मिली तो अब उत्तर प्रदेश सरकार के ओबीसी आरक्षण को लेकर आयोग बनाने के फैसले से उन्हें झटका भी लगा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे नेताओं के लिए पहले हाईकोर्ट की तरफ से खुशी की खबर मिली तो अब उत्तर प्रदेश सरकार के ओबीसी आरक्षण को लेकर आयोग बनाने के फैसले से उन्हें झटका भी लगा है। अगर उत्तर प्रदेश सरकार ओबीसी आरक्षण पर कमीशन बनाती है तो चुनाव टलने संभव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शाम अपने आवास पर इसको लेकर बड़ी बैठक भी बुलाई है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव होने थे लेकिन ओबीसी आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कई लोगों ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में कई बार इस पर दोनों पक्षों को सुना। उसके बाद आज हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दे दिया था कि बिना ओबीसी आरक्षण के सरकार चुनाव करा सकती है। जैसे ही यह खबर तेजी से फैली वैसे ही मेयर, चेयरमैन और सभासद का चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे नेताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। दरअसल चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे नेता जल्द चुनाव कराने के फेवर में इसलिए भी हैं कि उनका चुनावी खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन कुछ देर बाद ही जैसे ही समाजवादी पार्टी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर योगी सरकार पर हमला बोलना शुरू किया वैसे ही सरकार ने भी अपनी सक्रियता बढ़ानी शुरू कर दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एलान कर दिया कि सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर आयोग का गठन करेगी तथा हाईकोर्ट के आदेश का परीक्षण कराकर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है। दरअसल ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में ट्रिपल टेस्ट फार्मूले के आधार पर आरक्षण जारी करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट का टेस्ट फार्मूले के तहत आदेश था कि पहले सरकार आयोग का गठन करेगी, फिर आयोग आर्थिक, शैक्षिक आधार की गणना करते हुए ओबीसी आरक्षण की स्थिति पर रिपोर्ट देगी तथा 50% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जाएगा।