जानिए यूपी कौन-कौन सी लोकसभा सीट पर 10 हजार से ज्यादा बार दबा नोटा

नाराजगी व्यक्त करते हुए नोटा का बटन दबाया यानी इनमें से कोई भी प्रत्याशी उनको पसंद नहीं था।

Update: 2024-07-04 14:27 GMT

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में किसको कितनी वोट मिली, सबसे ज्यादा वोटो से कौन जीता, कौन सबसे कम वोटो से जीता, कौन हारा, कौन जीता, यह तो इस समय चर्चा का विषय है। नए सांसदों के रूप में सभी सांसदों ने शपथ भी ले ली है लेकिन आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 12 उन लोकसभा सीटों की जहां पर नोटा यानी इनमें से कोई भी नही, मतलब किसी भी प्रत्याशी को वोट नहीं देनी है का बटन 10 हजार से अधिक बार दबाया गया । यूपी की 12 लोकसभा सीटों के वह मतदाता जिन्होंने चाहे वह किसी राजनीतिक पार्टी का प्रत्याशी हो या निर्दलीय उन्होंने किसी को नहीं चुना। उन्होंने सब पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए नोटा का बटन दबाया यानी इनमें से कोई भी प्रत्याशी उनको पसंद नहीं था।

आज हम चर्चा करेंगे उन 12 लोकसभा सीटों की जिन पर नोटा का बटन 10 हजार से ज्यादा बार दबाया गया । वह 12 लोकसभा सीटें कौन सी है। दरअसल उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 12 लोकसभा सीटें जिनका हम जिक्र करने जा रहे हैं। ऐसी लोकसभा सीटें जिन पर 10 हजार से अधिक लोगों ने सभी प्रत्याशियों के प्रति अपने नाराजगी जताई यानी उनमें से कोई भी प्रत्याशी उनको पसंद नहीं था। वो मतदाता पोलिंग बूथ पर गए और नोटा का बटन दबाकर दिखाया कि इन प्रत्याशियों में से किसी को भी वोट नहीं करेंगे। सबसे पहले हम बात करेंगे सबसे ज्यादा नोटा का बटन दबाने वाली रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट की। इस लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के छोटे लाल ने चार लाख 65 हजार 848 वोट लेकर अपना दल की रिंकी सिंह को 1,29,234 वोटो से हराया लेकिन इस लोकसभा सीट के 19,032 मतदाता ऐसे थे जिन्होंने नोटा का बटन दबाया मतलब 19, 032 मतदाता ऐसे थे जिनको कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं था। इसके साथ ही दूसरे नंबर पर हम लोग बात करेंगे झांसी लोकसभा सीट की। झांसी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अनुराग शर्मा ने 6,90,316 वोट लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य को एक लाख 2 हजार 614 वोटो से हराया मगर इस लोकसभा सीट पर 15302 ऐसे वोटर थे जिन्होंने सभी प्रत्याशियों को दरकिनार करते हुए नोटा का बटन दबाया यानी ना बीजेपी पसंद थी ना कांग्रेस पसंद थी ना कोई निर्दलीय, इसलिए उन्होंने 15032 बार नोटा का बटन दबाया।

इसके साथ ही तीसरे नंबर की लोकसभा सीट है मिर्जापुर, एनडीए की सहयोगी अपना दल के खाते में मिर्जापुर लोकसभा सीट गई थी। मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अपना दल और भाजपा गठबंधन की अनुप्रिया पटेल ने चार लाख 71 हजार 631 वोट हासिल की और उन्होंने समाजवादी पार्टी के रमेश चंद्र बिंद को 37,810 वोटो से चुनाव हरा दिया लेकिन इस लोकसभा सीट पर भी 15049 वोटरो ने नोटा का बटन दबाया। अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं और वह 37810 वोटो से चुनाव जीती। ईवीएम मशीन में नोटा का बटन सबसे ज्यादा दबाने वालों में चौथा नंबर आता है उत्तर प्रदेश की चर्चित लोकसभा सीट कैसरगंज का। केसरगंज लोकसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव लड़ाया। करण भूषण सिंह ने 5 लाख 71 हजार 263 वोट लेकर समाजवादी पार्टी के भगत राम को 1 लाख 48 हजार 843 वोटो के बड़े अंतर से हराया। यहां नोटा का बटन दबाने वालों की संख्या 14,887 रही। नोटा का बटन दबाने वालों में पांचवा नंबर आया हमीरपुर लोकसभा सीट का। हमीरपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के अजेंद्र सिंह लोधी ने भाजपा के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को 2,629 वोटो से हराया। सबसे रोचक बात यहां यह है कि भाजपा प्रत्याशी की हार 2629 वोटो से हुई जबकि हमीरपुर लोकसभा सीट पर 13,453 लोगों ने नोटा का बटन दबाया, अगर यह नोटा का बटन दबाने वालों का थोड़ा सा हिस्सा भाजपा के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल की तरफ चला जाता तो वह चुनाव जीत सकते थे लेकिन नोटा ने हमीरपुर लोकसभा सीट पर समीकरण बिगाडा और भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। ईवीएम मशीन में नोटा बटन दबाने वालों में छठे नंबर आता है बांदा लोकसभा सीट का। बांदा लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी कृष्णा देवी पटेल ने 4 लाख 6 हजार 567 वोट लेकर भाजपा के आर के पटेल को बड़ी शिकस्त दी । इस लोकसभा सीट पर नोटा का बटन दबाने वालों की संख्या 13,235 रही। सातवें नंबर पर कौशांबी लोकसभा सीट रही। कौशांबी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने पुष्पेंद्र सरोज को चुनाव लड़ाया । इस चुनाव में पुष्पेंद्र सरोज ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विनोद सोनकर को 1 लाख 3 हजार 944 वोटो से हरा दिया। कौशांबी लोकसभा सीट पर 12,967 लोगों ने नोटा का बटन दबाकर साबित किया कि कौशांबी लोकसभा सीट पर उनकी पसंद का कोई भी प्रत्याशी नहीं था। आठवें नंबर पर नाम आता है बहराइच लोकसभा सीट का। बहराइच लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने आनंद कुमार को मैदान में उतरा हुआ था तो समाजवादी पार्टी ने रमेश चंद को टिकट दिया था लेकिन जीत आनंद कुमार के हिस्से में आई। बहराइच लोकसभा सीट पर 12,864 लोगों ने सारे प्रत्याशी को रिजेक्ट करते हुए नोटा का बटन दबाया। नौवें नंबर पर 10000 से अधिक नोटा का बटन दबाने वाली लोकसभा सीट का नाम है भदोही। भदोही लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के विनोद कुमार बिंद ने 4 लाख 59 हजार 982 वोट पाकर टीएमसी के ललितेश त्रिपाठी को 44 हजार 72 वोटो से हरा दिया। दरअसल इंडिया गठबंधन के चलते समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने यह सीट ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को देती थी लेकिन भदोही लोकसभा सीट पर भी 11,239 लोगों ने नोटा का बटन दबाकर सभी प्रत्याशियों के प्रति अपनी असहमति जाहिर कर दी। दसवें नंबर पर जालौन लोकसभा सीट रही। जालौन लोकसभा सीट पर सभी प्रत्याशियों को खारिज करके ईवीएम मशीन में नोटा का बटन दबाने वालों की संख्या 11,154 रही। जालौन लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के नारायण दास अहिरवार ने भाजपा के भानु प्रताप वर्मा को 53,898 वोट से हरा दिया। इस लिस्ट में 11 नंबर पर नाम आता है गौतम बुध नगर लोकसभा सीट का। गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के महेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के डॉक्टर महेंद्र नागर को 5,59,472 वोटो के बड़े अंतर से हराया लेकिन इस लोकसभा सीट पर भी भाजपा, सपा, बसपा और निर्दलीय प्रत्याशियों को नकारने वालों की संख्या 10,324 रही यानी 10324 लोगों ने ईवीएम मशीन में नोटा का बटन दबाया। 10000 से ऊपर नोटा का बटन दबाने वाली लोकसभा सीट के आखिर में नंबर आता है देवरिया लोकसभा सीट का। देवरिया लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के शशांक मणि त्रिपाठी जीते। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अखिलेश प्रताप सिंह को 34,842 वोट से हराया। इस लोकसभा सीट पर 10,212 मतदाताओं ने सभी पार्टी के प्रत्याशियों को रिजेक्ट करते हुए नोटा का बटन दबाया।

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