मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो जनता का क्या होगा- सपा मुखिया

इसे ग्रीन बुक में भी दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जबसे मुख्यमंत्री सत्ता में आए है, बराबर उनकी सुरक्षा रिव्यू होती रही है।

Update: 2020-10-10 12:06 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता करने पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की जनता का क्या हाल होगा।

अखिलेश यादव ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री की तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से सम्बन्धित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसे ग्रीन बुक में भी दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जबसे मुख्यमंत्री सत्ता में आए है, बराबर उनकी सुरक्षा रिव्यू होती रही है। लेकिन जब मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाएं प्रदेश की जनता किस हाल में है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न सम्बंधी कुल मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की प्रदेश में 272 घटनाएं पुलिस रिकार्ड का हिस्सा बनीं। 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए।

अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी सुरक्षा पर ही इतना ज्यादा चिंतित है। प्रदेश की जनता की दहशत भरी जिंदगी के बारे में सोचने का उन्हें समय ही नहीं। भाजपा शासन में उन्ही के नेता भी असुरक्षित है। गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र से भाजपा विधायक के मामा की निर्ममता से हत्या कर दी गईं। आजमगढ़ में बीडीएस सदस्य को गोलीमारी गई। मऊ में युवक, इटावा में महिला, गौरीगंज (अमेठी) में बुजुर्ग का गला रेता गया, कन्नौज में किसान युवक और गाजियाबाद में तनख्वाह लूटने के बाद फैक्ट्री कर्मी की हत्याएं हुईं। बाराबंकी में युवक का शव फतेहपुर कस्बे में ईदगाह के पास मिला तो फतेहपुर में शिक्षिका की हत्या के बाद पुलिस ने उसका शव तीन घंटे एम्बूलेंस में रखा, नीचे नहीं उतारने दिया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधी रोज एक नया अध्याय गढ़ रहे हैं। तमाम वारदातों का पुलिंदा लेकर भाजपा सरकार मौन बैठी हुई है। कानून व्यवस्था बेलगाम है। चारों तरफ भय और आतंक है। मुख्यमंत्री के सभी दावे झूठे साबित हुए है। अपराधियों के बुलन्द हौसलों के आगे सरकार नतमस्तक है।

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