बिजली दरों में कमी के लिये सरकार करे पहल : वर्मा

वर्मा ने मंगलवार को कहा कि पिछले नौ सालों के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की दरों में व्यापक बढोत्तरी की गयी है

Update: 2021-07-13 14:56 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महंगी बिजली की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिये राज्य उपभोक्ता परिषद ने सरकार से विद्युत नियामक आयोग को इस दिशा में जरूरी दिशा निर्देश देने की गुहार लगायी है।

परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मंगलवार को कहा कि पिछले नौ सालों के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की दरों में व्यापक बढोत्तरी की गयी है। अब जब बिजली दर की सुनवाई पूरी होकर नियामक आयोग टैरिफ को अंतिम रूप दे रहा है, ऐसे में अभी भी समय है कोरोना संकट से बेहाल महगाई की मार से त्रस्त प्रदेश के उपभोक्ताओ को बिजली दरों में राहत दिलाने के लिए प्रदेश सरकार को आगे आना चाहिए।

उन्होने कहा कि सरकार अबिलम्ब विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत प्रदेश के उपभोक्ताओ की बिजली दरों में कमी करने के लिए उपभोक्ताओ का बिजली कम्पनियो पर निकल रहे 19537 करोड़ रुपए का समायोजन कर दरों में कमी कराने का निर्देश नियामक आयोग को दे। इसके अलावा परिषद् द्वारा दाखिल कोविद राहत टैरिफ प्रस्ताव को लागू कराकर उपभोक्ताओ को राहत दिलाना चाहिए।

अवधेश वर्मा ने कहा कि पिछले नौ सालों में किसान के लिये बिजली दरों में 126 प्रतिशत की बढोत्तरी हुयी है जबकि ग्रामीण अनमीटर्ड घरेलू अन्तिम स्लैब में 300 प्रतिशत,घरेलू ग्रामीण मीटर्ड अन्तिम स्लैब 500 प्रतिशत, घरेलू शहरी अन्तिम स्लैब 84 प्रतिशत,घरेलू शहरी फिक्स चार्ज 69 प्रतिशत और घरेलू ग्रामीण फिक्स चार्ज में 500 प्रतिशत की बढोत्तरी हुयी। सरकार कोविद राहत टैरिफ प्रस्ताव को लागू कराकर कमी करने की दिशा में निर्णय ले जो जनहित में होगा अन्यथा की स्थिति में पूरें प्रदेश की जनता में एक गलत संदेश जायेगा।

वार्ता

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