प्राकृतिक खेती के विकास और संवर्धन के लिये सरकार कटिबद्ध- शाही
प्राकृतिक खेती करने के लिये सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को आगे लाने की काम कर रही है।
देवरिया। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को यहां कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती और उसके सवर्धन के लिये कटिबद्ध है और प्राकृतिक खेती करने के लिये सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को आगे लाने की काम कर रही है।
शाही आज अपने गृह जिला देवरिया में संवाददाताओं से कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सितम्बर माह में प्रशिक्षण और अध्ययन के लिए एक दल हरियाणा में कुरुक्षेत्र में गया था। इस दल में कृषि, गन्ना, उद्यान मंत्री, राज्य कृषि मंत्री समेत विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक और किसान शामिल हुए थे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के विकास के लिए उत्तर प्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश में गौ आधारित प्राकृतिक खेती, जीवामृत, बीजामृत पर आधारित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए योगी सरकारी कई योजनाएं भी चला रही है।
कृषि मंत्री शाही ने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और उसके विकास के लिए उत्तर प्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बाेर्ड प्राकृतिक खेती के लिए लोगों का मार्गदर्शन करने और गाइडलाइन बनाने का काम करेगा। वहीं अगले तीन वर्षों में राज्य और केंद्रीय सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से खासकर बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती, नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग, परंपरागत कृषि विकास योजना, नमामि गंगे योजना के तहत करीब 2,14,390 हेक्टेयर पर प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे अभियान चलाकर शुरू भी कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड के सात जिलों के 47 विकास खण्डों में इस साल से प्राकृतिक खेती करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिये वहां 68 करोड़ रूपये से ज्यादा रूपये जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के पास देसी गाय नहीं हैं और उनकी इच्छा देसी गाय रखने की है,तो ऐसे किसानों को देसी गाय उपलब्ध कराई जायेगी तथा इन गायों के रख रखाव आदि के लिये 900 रूपये माहवार भी सरकार देगी।उन्होंने बताया कि देसी गाय के गोबर और गौ मूत्र से खाद आदि बनाने का भी कार्य जल्द शुरू कर दिया जायेगा।
वार्ता