किसानों का हाईवे पर कब्जा- चार हाईवे अनिश्चितकाल के लिए बंद
उन कृषि कानून को अब भारतीय जनता पार्टी दोबारा से लागू करने की कोशिश कर रही है।
चंडीगढ़। धान की लिफ्टिंग नहीं होने से खफा हुए किसानों ने सड़क पर उतरते हुए चार हाईवे पर अपना कब्जा कर लिया है। धरना प्रदर्शन के लिए सड़क पर जमे किसानों का कहना है कि जब तक धान की लिफ्टिंग शुरू नहीं होती है उस समय तक हाईवे बंद रहेंगे।
शनिवार को किसान मजदूर मोर्चा और किसान संयुक्त मोर्चा नॉन पॉलिटिकल के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया है कि पंजाब में धान की लिफ्टिंग नहीं होने के विरोध में किसानों ने सड़क पर उतरते हुए पंजाब से होकर गुजर रहे चार हाईवे जाम कर दिए हैं और दोपहर 1:00 के बाद सभी हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है।
उन्होंने कहा है कि फूड सप्लाई मंत्री के साथ हुई शैलर मालिकान की बैठक में मांग की गई थी कि धान में से कम चावल निकलता है इसलिए उन्हें दो-तीन किलो की अधिक छूट दी जाए। केंद्र ने जल्दी इस मुद्दे के समाधान के लिए टीम भेजने की बात कही थी, लेकिन आज तक केंद्र सरकार की टीम मामले के निपटारे को नहीं पहुंची है। जिसके चलते शैलर भी किसानों का धान नहीं उठा रहे हैं।
सरवन सिंह पंधेर ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई थी, लेकिन किसानों के दबाव की वजह से वह कैंसिल कर दिए गए थे। उन कृषि कानून को अब भारतीय जनता पार्टी दोबारा से लागू करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर कहा है कि वह इस समय भारतीय जनता पार्टी में है अगर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जान पहचान है तो वह धान की लिफ्टिंग की बाबत केंद्र सरकार से बातचीत करें।