किसान आंदोलन-जबरन हटाया तो मनाएंगे पीएम के दरवाजे पर दिवाली

भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा है कि किसान आंदोलन में स्थिति फिलहाल यथावत बनी रहेगी।

Update: 2021-11-01 08:11 GMT

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य ने केंद्र सरकार को दो टूक चेतावनी दी है कि अगर आंदोलन कर रहे किसानों को सड़कों से हटाने की कोशिश की गई तो इस बार की दीपावली प्रधानमंत्री के घर की चौखट पर मनाई जाएगी।

सोमवार को राजधानी दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर नये कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य एवं भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने एक वीडियो वायरल करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सड़कें खाली करवाने की कोशिशें की गई तो नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान राजधानी दिल्ली के लिए कूच करेंगे। उन्होंने किसानों से भी कहा है कि वह हर समय दिल्ली कूच करने के लिए तैयार रहें। क्योंकि किसी भी समय उनके पास दिल्ली कूच करने का मैसेज आ सकता है और रात के समय भी किसानों को राजधानी दिल्ली के लिए कूच करना पड़ सकता है। इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर चलाए जा रहे आंदोलन स्थल के पास से सीमेंटेड व लोहे के बेरीकेडस एवं कटीले तारों को हटाने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेताया था कि अगर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को बॉर्डर से जबरिया हटाने की कोशिश की गई तो देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना दिया जाएगा।

दरअसल किसान नेताओं को इस बात का अंदेशा सता रहा है कि किसी साजिश के तहत सरकार द्वारा बिना उनकी मांगों को माने ही किसानों को बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को हटाया जा सकता है। एनएच 9 और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर चौथे दिन भी एंबुलेंस और चार पहिया एवं छोटे वाहन ही निकल पाए। भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा है कि किसान आंदोलन में स्थिति फिलहाल यथावत बनी रहेगी। जब तक सरकार की ओर से किसानों की मांगों को मान नहीं लिया जाता है। तब तक देश का अन्नदाता सड़कों पर बैठते हुए सरकार के फैसले का इंतजार करेगा।



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