कोरोना से बचाव और उपचार में कोताही न हो: योगी

क्षेत्र के झांसी, महोबा, चित्रकूट आदि जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नियोजित प्रयास किए जाएं

Update: 2021-12-21 14:40 GMT

लखनऊ। कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के देश में मिल रहे नये मामलों से चौकन्ना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिए और कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए।

अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के दौरान योगी को बताया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 15 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 211 है।

अम्बेडकर नगर, अमेठी, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, चन्दौली, चित्रकूट, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जौनपुर, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर तथा सुल्तानपुर में कोविड का एक भी मरीज नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड टीकाकरण को और तेज करने के लिये प्रभावी प्रयास किये जाएं। अब तक पहली डोज न पाने वाले लोगों की सूची अलग तैयार की जाए तथा जिनकी दूसरी डोज ओवरड्यू है उनकी पृथक सूची बनायी जाए। दिव्यांग, निराश्रित, वृद्धजन से सम्पर्क कर उनका टीकाकरण कराया जाए।

राज्य में सोमवार तक 18 करोड़ 74 लाख 50 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 06 करोड़ 47 लाख 94 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। 12 करोड़ 26 लाख 55 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की 83.20 प्रतिशत है।

योगी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के झांसी, महोबा, चित्रकूट आदि जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नियोजित प्रयास किए जाएं। इन जिलों के सरकारी अस्पतालों में बेड की संख्या में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों की बेड की क्षमता 100 है, उन अस्पतालों को 200 बेड के रूप में उच्चीकृत किया जाए। इसके लिए प्राथमिकता पर कार्यवाही की जाए।


वार्ता

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