कोर्ट का BJP को सुप्रीम झटका- फिर गिने जाएंगे वोट- AAP का होगा मेयर
चुनाव को लेकर दिए गए एक अहम फैसले में मेयर इलेक्शन के दौरान पड़े वोटों की दोबारा से गिनती का आदेश दिया है।
नई दिल्ली। कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर पद के चुनाव को लेकर सुप्रीम फैसला देते हुए मेयर इलेक्शन में पड़े वोटों की दोबारा से गिनती किए जाने का आदेश दिया है। सीजेआई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वोटिंग एवं गिनती के दौरान इस्तेमाल किए गए मत पत्रों की जांच के बाद कहा कि जिन वोटो को इलेक्शन ऑफिसर द्वारा निशान लगाते हुए अवैध घोषित किया गया था वह वोट आम आदमी पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में पड़े थे।
मंगलवार को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चंडीगढ़ मेयर पद के चुनाव को लेकर दिए गए एक अहम फैसले में मेयर इलेक्शन के दौरान पड़े वोटों की दोबारा से गिनती का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान चुनाव एवं मतदान गणना में इस्तेमाल किए गए बैलेट पेपर की अपने आप जांच की और कहा कि जिन आठ वोटों को चुनाव अधिकारी बनाए गए अनिल मसीह ने पेन से क्रॉस का निशान लगाकर अवैध घोषित किया था वह वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में पड़े थे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए इस बड़े फैसले के बाद अब चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने का रास्ता क्लियर हो गया है।
उल्लेखनीय है कि मेयर पद के इलेक्शन के बाद पड़े वोटो की गणना करते हुए चुनाव अधिकारी बनाए गए अनिल मसीह ने भारी हंगामे के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कैंडिडेट मनोज सोनकर को मेयर पद का विजेता घोषित किया था। हालांकि चुनाव अधिकारी द्वारा मेयर डिक्लेअर किए गए भाजपा के उम्मीदवार मनोज सोनकर ने बीते दिन ही सुनवाई से पहले रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान बड़ा खेला करते हुए आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भगवा चोला धारण करते हुए बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसकी खबर सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गई थी और सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा हॉर्स ट्रेडिंग पर गहरी चिंता जताई गई थी।