मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द -अब इनके CM बनने के आसार
भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से लिए गए एक बड़े फैसले के अंतर्गत CM हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया।
नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से लिए गए एक बड़े फैसले के अंतर्गत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। जिसके चलते अब मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। हालांकि चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग द्वारा हेमंत सोरेन के ऊपर रोक नहीं लगाई गई है।
बृहस्पतिवार को भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए एक बड़े आदेशों के अंतर्गत झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। हालांकि विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बावजूद हेमंत सोरेन एक बार फिर से चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग द्वारा उनके ऊपर रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन हेमंत सोरेन को अब झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
उधर बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग की ओर से आज दिए गए फैसले से पहले हेमंत सोरेन और सरकार के मैनेजमेंट के बीच इस बात पर लंबी चर्चा हो चुकी है कि यदि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता को चुनाव आयोग की ओर से समाप्त कर दिया जाता है तो इसके बाद कौन सा कदम उठाया जाना चाहिए।
जानकारी मिल रही है कि विधानसभा की सदस्यता खोने वाले हेमंत सोरेन इस बात को चाहते हैं कि उनके मुख्यमंत्री पद को छोड़ने की स्थिति में सीएम का पद उनके परिवार के पास ही रहे। ऐसे हालातों में विधानसभा की सदस्यता खोने वाले हेमंत सोरेन द्वारा 25 साल पहले बिहार में हुई घटना के प्रयोग को आजमा सकते हैं। यानी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो जाने के बाद अब हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड का नया मुख्यमंत्री बना सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी तरह बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू यादव ने भी वर्ष 1997 के दौरान जेल यात्रा पर जाने से पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था