होने लगा हृदय परिवर्तन-चढ़ने लगा भगवा रंग, अखिलेश के बगल में बैठने की तैयारी
इससे दो दिन पहले ही शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्विटर पर फॉलो कर लिया था
लखनऊ। वक्त का पहिया घूमते ही राजनीति की तस्वीर पूरी तरह से उलट-पुलट हो जाती है। तेजी के साथ घट रहे घटना चक्र के अनुरूप प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने जैसे ही ट्विटर पर अपना ट्वीट किया तो राजनीति में हलचल मच गई और शिवपाल के ऊपर भगवा रंग चढ़ने के संकेत मिलने लगे। इस ट्वीट के बाद चाचा के जरिये भतीजे को घेरने की तैयारी में जुटी भाजपा ने शिवपाल को उनके भतीजे की बगल में बिठाने के इंतजाम करने की तरफ अपने कदम बढा दिये है।
सोमवार की सुबह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के लिए उस समय एक बड़े राजनीतिक परिवर्तन का संकेत लेकर आई जब शिवपाल सिंह यादव ने लिखा कि प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथाघ् आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजाघ् भगवान राम का चरित्र श्परिवार, संस्कार और राष्ट्रश् निर्माण की सर्वाेत्तम पाठशाला है। चैत्र नवरात्रि आस्था के साथ ही प्रभु राम के आदर्श से जुड़ने व उसे गुनने का भी क्षण है।
इससे दो दिन पहले ही शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्विटर पर फॉलो कर लिया था। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को भी फॉलो किया था। इससे पहले शिवपाल सिंह यादव पीएम और सीएम को ही फॉलो करते थे। शिवपाल कुल 12 लोगों को फालो करते हैं। इनमें राष्ट्रपति के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पीसीएफ चेयरमैन और प्रसपा के महासचिव आदित्य यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हैं।
इससे पहले, चर्चा थी कि शिवपाल यादव ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुकाकात की थी, उसके बाद शिवपाल यादव बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। सूत्र बताते हैं कि इटावा से दिल्ली जाने के दौरान शिवपाल ने पूर्व विधायक हरिओम यादव से भी मुलाकात की थी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया था। यह भी कहा कि वक्त आने पर बोलेंगे।
चर्चा है कि जुलाई में राज्यसभा और विधानसभा परिषद की कई सीटें खाली हो रही हैं, ऐसे में शिवपाल यदि भाजपा में जाते हैं, तो उन्हें राज्यसभा में या विधानसभा परिषद में भेजा जा सकता है। यह भी पता चला है कि लखनऊ में पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में सभी से अगले कुछ दिनों तक इंतजार करने और संगठित रहने को कहा गया है।