सिद्धू की फिरकी पर कैप्टन हुए आउट - छिन गयी पंजाब की कप्तानी
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस हाईकमान से नाराजगी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है।
चंडीगढ़। पंजाब में आज सियासी हलचल उस समय तेज हो गयी जब कॉन्ग्रेस हाईकमान ने बिना मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को सूचित किए बिना विधायक दल की बैठक बुला ली। बैठक के बुलाने की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस हाईकमान से नाराजगी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया है। मुख्यमंत्री के इस कदम से पंजाब में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। इधर कांग्रेस ने 5 बजे अपने विधायक दल की मीटिंग बुलाई है।
पंजाब के राज्यपाल से मुलाकात के बाद बाहर निकले कैप्टन अरविंदर अमरिंदर सिंह ने सड़क पर ही मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने अपना और मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आज सुबह मैंने कॉन्ग्रेस हाईकमान से बात की थी। मैंने उनसे कहा था कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। उन्होंने कहा बात यह है कि पिछले कुछ महीनों में यह तीसरी बार हो रहा है। पहली बार मुझे दिल्ली में बुलाया फिर दूसरी बार दिल्ली बुलाया, तीसरी बार दिल्ली बुलाया। मैंने हाईकामन से बात की थी अगर कांग्रेस को यह शक है कि मैं सरकार नहीं चला पा रहा हूँ तो आज पद छोड़ दूंगा। जिन पर उनको भरोसा होगा वह उनको मुख्यमंत्री बना लें। कांग्रेस अध्यक्ष ने जो फैसला लिया है वह मुझे मंजूर है। उन्होंने कांग्रेस में रहने के सवाल पर कहा कि मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी मर्जी है वह किसी को भी बनाएं। भविष्य की राजनीति के बारे में बाद में विचार किया जाएगा।
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चुनाव जीता था। कांग्रेस ने इस चुनाव में 77 विधायकों की जीत के साथ पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 आम आदमी पार्टी 20 , शिरोमणि अकाली दल 15, बीजेपी 3 सीटों पर जीती थी।