एमपी में जीभ पर लगा खून पचा नहीं,अब गहलोत सरकार गिराकर डकार लेने की कोशिश में : शिवसेना

शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर किया तंज

Update: 2020-07-15 10:23 GMT

मुंबई राजस्थान में सियासी बवाल मचा है। इस बीच महाराष्ट्र की सत्ताधारी शिवसेना ने बीजेपी पर जबर्दस्त हमला बोला है। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी को उपद्रवी बताते हुए कहा कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराई और अब जीभ पर लगा खून पचने से पहले ही गहलोत सरकार गिराकर डकार लेने की कोशिश में है लेकिन यह संभव नहीं लगता।

शिवसेना ने कहा, देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है लेकिन राजस्थान में बीजेपी ने अलग उपद्रव मचाया हुआ है। राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए पर्दे के पीछे से उसका राष्ट्रीय कार्य चल रहा है। फिलहाल बीजेपी के लिए पायलट का बच्चों वाला खेल कांग्रेस का एक आंतरिक मुद्दा है और इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को उसने अपने में मिलाया, उस समय भी यह बीजेपी के लिए एक आंतरिक मुद्दा था और अब पायलट का खेल भी एक आंतरिक मुद्दा है।

शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में भी बीजेपी ने अजित पवार को साथ लेकर शपथ ग्रहण कर लिया था। तब भी वह उसके लिए एसीपी का आंतरिक मामला था। ऐसे आंतरिक मामले सुविधानुसार तय होते रहते हैं। पार्टी ने कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का गंभीर आरोप लगाया है। हर विधायक को 25 करोड़ का प्रस्ताव दिया गया है। ऐसे में भी आयकर विभाग गहलोत का समर्थन करने वाले विधायकों पर छापे मार रहा है। यह गूढ़ और रहस्यमय है।

शिवसेना ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार राज्यों में विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने के सूत्र पर काम कर रही है। देश के सामने कोरोना के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था और लद्दाख में चीनी घुसपैठ समेत कई मुद्दे हैं। लद्दाख में हमारे 20 सैनिकों का गिरा खून अभी भी ताजा है। इन सभी मुद्दों को सुलझाने की बजाय राजस्थान में कांग्रेस के भीतरी विवाद में टांग डालकर खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने का काम चल रहा है।

बीजेपी के अलावा शिवसेना ने कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट पर भी निशाना साधा। पार्टी ने पायलट को आगाह करते हुए कहा कि वह जो कर रहे हैं, उनके लिए आत्मघाती हो सकता है। सामना के संपादकीय में कहा गया कि, श्राजस्थान में कांग्रेस की जीत के लिए बेशक पायलट ने काफी मेहनत की लेकिन अब जब पार्टी मुश्किल में है तो उन्हें नाव से कूदकर भागने वाले चूहे की तरह काम करके खुद को कलंकित नहीं करना चाहिए।

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