विकास, सुशासन, राष्ट्रवाद के ध्रुवीकरण से भाजपा को मिलेगा प्रचंड बहुमत: योगी

(भाजपा) विधानसभा चुनावों में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत से जीत हासिल कर 10 मार्च को दोबारा सरकार बनाने जा रही है

Update: 2022-02-19 10:36 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के ध्रुवीकरण की बदौलत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा चुनावों में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत से जीत हासिल कर 10 मार्च को दोबारा सरकार बनाने जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 'यूनीवार्ता' के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि विधानसभा चुनावों में जनता जनार्दन का मुक्त हस्त से समर्थन भाजपा को मिल रहा है। वास्तव में यह चुनाव 80 बनाम 20 का है, मतलब 80 फीसदी सीटें भाजपा को मिल रही हैं। भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने जा रही है। लोग विपक्षी दलों की जाति धर्म की राजनीति को अब नकार कर चुके हैं और विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के रास्ते पर चलने वाली भाजपा को दोबारा जनादेश मिलना तय हो चुका है।

मुख्यमंत्री का चेहरा लेकर चुनाव लड़ने से संबंधित पूछे गये एक सवाल पर उन्होंने कहा," मैं पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्ता हूं। चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में लड़ा जा रहा है। पार्टी ने मुझे प्रदेश में सेवा करने का अवसर दिया है तो मुझे अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने प्रस्तुत करना होगा जो मैं कर रहा हूं। जनता अगले पांच साल के लिये बीजेपी को अवसर दे। यही इच्छा है।"

चुनाव परिणामों में जातिगत समीकरणों के असर की संभावनाओं को सिरे से नकारते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति, मत, मजहब की बात तब आती है कि जब पार्टी या नेता जन विश्वास पर खरा न उतरा हो। वर्ष 2014 के बाद देश की राजनीति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के एजेंडे ने जातिवाद के मुद्दे ने हल्का कर दिया है। आज के दिन पूरी राजनीति का ध्रुवीकरण विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद पर केन्द्रित हो चुका है। परिवारवाद, जातिवाद, मत और मजहब की राजनीति समाप्त हो चुकी है। पिछले पांच सालों में प्रदेश के अंदर भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप जिन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है, वे व्यापक जनविश्वास का प्रतीक हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, " समाजवादी पार्टी (सपा) को भलीभांति पता चल चुका है कि उनके मुखिया अखिलेश यादव तक मैनपुरी के करहल विधानसभा में बुरी तरह हार रहे हैं। अगर ऐसा नहीं है तो मुलायम सिंह यादव को क्यों बुला रहे हैं करहल में। मुलायम सिंह राजनीति के बहुत पक्के उस्ताद हैं। उनको मालूम है कि एसपी करहल में भी बुरी तरह हार रही है। इसलिये उन्होंने जनता से कह दिया कि आप अपना फैसला ले लो। सपा का एक नेता बार-बार मुलायम सिंह को प्रत्याशी का नाम लेने को कह रहा था। अब एक बाप को उनके विधानसभा क्षेत्र में अपने पुत्र का नाम याद नहीं है,तो इससे ज्यादा दुर्गति सपा की और क्या हो सकती है। जब पिता अपने पुत्र का नाम नहीं जानता है तो जनता कहां से उसका नाम जानती होगी।"

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में क्या कोई कल्पना कर सकता था कि दंगे नहीं होंगे? पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के लिये यह एक कल्पना मात्र थी। कर्फ्यू मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना आज साकार हुआ है। विकास की बड़ी-बड़ी परियोजनायें, इतने एक्सप्रेस-वे पहले कभी नहीं बने, इतनी एयर कनेक्टिविटी पहले कभी नहीं आयी। इतनी मेट्रो रेल पहले कभी नहीं चली। यह सब बगैर भेदभाव के हुआ न कि किसी खास वर्ग का चेहरा देख कर। उत्तर प्रदेश में 75 जिलों में सबको समान भाव से बिजली मिली। हर गरीब को मुफ्त राशन मिला। इतनी बड़ी आबादी वाले राज्य में कोविड प्रबंधन की दुनिया ने तारीफ की है। हर क्षेत्र में अच्छा हुआ है। स्वास्थ्य के मूलभूत ढांचे में व्यापक बदलाव का उदाहरण है कि पिछले 70 सालों में पांच मेडिकल कालेज प्रदेश में थे जबकि पिछले पांच सालों में 33 नये मेडिकल कालेज बने। यह सामान्य बात नहीं है। जनता से यह छिपा हुआ नहीं है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस तरह की केन्द्र की योजनाओं का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश में ईमानदारी के साथ हुआ है,उस पर कोई आरोप नहीं लगा सकता है। इसीलिये वह पूरे विश्वास के साथ पहले दिन से कह रहे हैं कि चुनाव 80 बनाम 20 का होगा। यह सामूहिक प्रयास का नतीजा है जिसमें केन्द्र और राज्य सरकार के अलावा भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता और जनता जनार्दन की मेहनत शामिल है। सब एक साथ मिलकर जब सामूहिक प्रयास करते हैं तो ऐसा ही परिणाम आता है। यह बदले हुये उत्तर प्रदेश की तस्वीर है।

मुस्लिम अल्पसंख्यकों को टिकट न देने के सवाल पर उन्होंने कहा," भाजपा 'सबका साथ-सबका विकास' के मूल मंत्र पर काम करती है। इन पांच सालों में विकास,सुरक्षा, आस्था के मुद्दे पर किसी के साथ कभी भेदभाव नहीं किया। जहां तक टिकट देने की बात है तो पार्टी को देखना होता है कि संबंधित प्रत्याशी मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरता है कि नहीं। दूसरा उसने संगठन में सक्रिय रूप से काम किया है कि नहीं। जो जन विश्वास पर खरा उतरेगा, उसी को ही तो प्रत्याशी बनाया जायेगा। आपने स्वयं दीवारें खड़ी की हैं और आप यह भी चाहेंगे कि यह चीज हो भी जाये, यह कैसे हो सकता है। आखिर तीन तलाक की कुप्रथा से मोदी ने मुक्त कराया है।"

उन्होने कहा, " हम जब 15 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दे रहे हैं तो उसका लाभ लेने वाले वर्ग में मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा है। जब हम 45 लाख से अधिक गरीबों को मकान देते है तो उसमें भी मुसलमान बहुतायत में है। 2.61 करोड़ गरीबों को शौचालय दिये हैं तो उनमें बहुसंख्या मुस्लिमों की है जिनको यह सुविधा मिली है। 10 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत की पांच लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा का कवर देते हैं तो उसमें भी मुसलमान ज्यादा आते हैं। भेदभाव तो कहीं नहीं हुआ है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि हमने होली के अवसर पर लाइट दी हो और मुहर्रम के अवसर पर न दिया हो। जो सुविधा होली और दीपावली में मिली है तो वह मुहर्रम और ईद पर भी मिली है। इधर सुरक्षा है तो उधर भी सुरक्षा है। दंगे का नुकसान इधर नहीं हुआ है तो उधर भी नहीं हुआ है। ताली दो हाथ से बजती है, एक हाथ से नहीं बजती। सुरक्षा, सम्मान के मुद्दे पर शासन की योजनाओं और स्वालंबन के मुद्दे पर कोई किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। यही सबका साथ सबका विकास का है।

स्वामी प्रसाद मौर्य और ओमप्रकाश राजभर का असर पूर्वांचल के चुनाव पर पड़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा " आपको क्या लगता है कि चुनाव कोई पार्टी लड़ पा रही है। जनता चुनाव लड़ रही है। अगर ये लोग इतने जनाधार वाले थे तो अपनी-अपनी सीट छोड़ कर इन्हें क्यों भागना पड़ा। इनमें से कोई ऐसा नेता नहीं है जो अपनी परंपरागत सीट से लड़ रहा हो। अपनी परंपरागत सीट से सब भाग गये हैं, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कितना बड़ा जनाधार भाजपा के पास है। उनकी अवसरवादिता का जवाब जनता जनार्दन स्वयं देगी।"

उन्होंने कहा कि रोजगार की बात करें तो सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर तीन फीसदी तक सिमट गयी है जबकि 2016-17 में यह 18 फीसदी थी। यह एक निष्पक्ष केन्द्रीय एजेंसी का डाटा है। उत्तर प्रदेश में अगर कार्य नहीं हो तो क्या बेरोजगारी दर इतनी कम हो सकती थी। उत्तर प्रदेश में पिछले पांच साल में एक नयी रफ्तार के साथ आगे बढ़ा है। नये भारत का नया उत्तर प्रदेश है यह। किसी भी राज्य में दो चीजें बहुत जरूरी होती हैं, एक सुरक्षा यानी कानून का राज हो और दूसरी अर्थव्यवस्था। सब कुछ इसी पर टिका हुआ है। सुरक्षा है तो अर्थव्यवस्था को गति दी जा सकती है। ईमानदारी है तो अर्थव्यवस्था तेजी के साथ आगे बढ़ सकती है और सुरक्षा पर ध्यान देकर राज्य में बगैर भेदभाव के कानून का राज स्थापित हो, इस पर सरकार ने काम किया है। अगर किसी ने गलत किया है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की गयी है और उसके नतीजे हमारे सामने हैं।

तीन कृषि सुधार कानून के मुद्दे का मौजूदा चुनाव में कोई असर नहीं पड़ने का दावा करते हुये श्री योगी ने कहा कि कृषि कानून का न तो पहले कोई प्रभाव था और न ही अब है। उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन पूरी तरह बेअसर रहा। सरकार ने अन्नदाता किसान की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान रखा है। ऋण माफी से लेकर के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तक, फसल बीमा योजना से लेकर करके 22 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने या खरीद केन्द्र खोल कर लागत का डेढ़ गुना दाम किसानों को देना,उत्तर प्रदेश में यह सब पहली बार हुआ है। एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। सपा, बसपा ने 14 वर्ष के कार्यकाल में इतना गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया। मंच पर कौन क्या बोल रहा है, यह उसका विषय है, मगर सच्चाई क्या है यह भी उसके सामने आना चाहिये।

उन्होंने गरीबी उन्मूलन पर सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुये कहा, " जब हम 45 लाख परिवारों को एक-एक मकान देते हैं तो मकान का मतलब सिर्फ सिर ढकने की एक छत नहीं है बल्कि उस परिवार की अर्थव्यवस्था में भी परिवर्तन लाता है। उसके जीवन में परिवर्तन लाता है। 2019 में जब चुनाव आयोग ने मुझको तीन दिन के लिये बैन किया था। उस दौरान मुझे अयोध्या में महावीर नामक एक दलित ने अपने घर बुलाया। वह अपने परिवार के साथ आरती की थाली लेकर खड़ा था। मैंने उससे कहा कि यह सब क्या कर रहे हैं, उसने मुझसे कहा कि आपने यह मकान मुझे दिया है। मैंने कहा कि मैं कहां से दे सकता हूं, मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं किसी को मकान दे सकूं। उसने कहा कि आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद ही मुझे यह मकान मिला है। उसने कहा कि यह बिजली का कनेक्शन भी आपने मुझे दिया है। यह रसोई गैस का सिलेंडर भी आपने मुझे दिया है। देखिये अब हमारा बैंक खाता भी खुल गया है। उसमें मुझे अपने परिवार के सदस्यों का परिचय कराया। मैंने उनसे कहा कि महावीर जी आप करते क्या हैं तो उसने बताया कि मैं राजमिस्त्री था। मेरे चार बच्चे हैं। मैं दो लड़कियों की शादी करा चुका हूं जिनको भी मैंने आपसे मिलने के बुलवाया था। मेरे पास पहले एक झोपड़ी थी, आपने मकान दिया । मैंने चार छोटे-छोटे कमरे बना दिये। उसके बाद मुझे सरकार की सारी योजनायें मिलीं। मैंने उससे कहा कि आपके मन में कभी अपना मकान बनाने का विचार नहीं आया। उसने कहा कि इच्छा तो थी मगर दो लड़कियों की शादी करनी थी, मैंने उसमें धन खर्च किया। पुत्र बड़ा हुआ तो इच्छा हुयी कि अपना मकान बनाऊं। मैं एक लाख रुपये एकत्र कर चुका था लेकिन तब तक ढाई लाख रुपये मुझे आपके यहां से मिले। मेरा मकान बन गया। मैंने कहा कि फिर एक लाख रुपये का क्या किया। उसने बताया कि एक लाख रुपये से मैंने अपने पुत्र के लिये ई-रिक्शा खरीदा। अब वह ई-रिक्शा से हर दिन एक हजार रुपये कमाता है। देखो एक परिवार को सरकार की योजना ने कैसे आर्थिक स्वालंबन की ओर अग्रसर किया। "

उन्होंने कहा, " ऐसे साढ़े 45 लाख गरीबों को एक एक आवास मिला है। क्या यह उनकी गरीबी को कम नहीं कर रहा है। हर एक के जीवन में परिवर्तन का आधार हर एक स्कीम बनी है। 15 करोड़ गरीबों को हम लोग वर्तमान में महीने में दो बार मुफ्त में राशन की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। 2017 से पहले प्रदेश में भूख से होने वाली मौतों के आकंड़े सबको पता है। उस समय आत्महत्या कर रहे किसान की चर्चा होती थी। 2017 के बाद न किसी किसान ने आत्महत्या की है और न कोई व्यक्ति भूख से मरा है।"

कोरोना प्रबंधन की चर्चा करते हुये योगी ने कहा," एक हजार वर्षों के इतिहास को उठा कर देखें कि जब-जब महामारी आयी है तो सामान्य बीमारी से कई गुना ज्यादा मौतें उससे हुई हैं। कोरोना कालखंड में कोविड प्रबंधन उत्तर प्रदेश का सबसे अच्छा रहा है और इसके साथ ही कोई व्यक्ति भूख से नहीं मर सकता। यह मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं क्योंकि हमने सबको राशन दिया है। कम्यूनिटी किचन की व्यवस्था उपलब्ध करायी है। यह मेरा दायित्व था। यह मेरे लिए वोट मांगने का जुगाड़ नहीं है। मैंने अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन किया है लेकिन इसी दायित्व का निर्वहन यदि सपा, बसपा, कांग्रेस के लोग करते तो प्रदेश गरीब बदहाल नहीं होता।"

मुफ्त बिजली के राजनीतिक दलों के वादों पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, " यह बात वे लोग कह रहे हैं कि जिन्होंने सत्ता में रहते हुये कभी बिजली नहीं दी। सपा सरकार के समय प्रदेश में तीन से चार जिलों में बिजली आती थी। बाकी 71-72 जिले अंधेरे में रहते थे। बिजली नहीं देते थे तो मुफ्त कहां से करेंगे। यह हर व्यक्ति जानता है। सपा पर कोई विश्वास नहीं करता। यह केवल और केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का फंडा है। जब करना नहीं, तो बोलते जाओ। जब सत्ता में आना ही नहीं है तो बोलते जाओ।"

पुरानी पेंशन बहाली के सपा के वादे पर तंज कसते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, "न्यू पेंशन स्कीम तत्कालीन मुलायम सरकार ने लागू की थी जिसके तीन साल बाद तक वह मुख्यमंत्री थे। इसके बाद पांच-पांच साल मायावती और अखिलेश की सरकार रही। इन 13 वर्षों तक यह मौन क्यों थे। मौन भी थे और उन्होने कर्मचारियों के खाते भी नहीं खोले और उनके हिस्से की रकम भी नहीं डाली। सत्ता में आने के बाद हमने 2021 में हर कर्मचारी का एकाउंट भी खोला और उसका कंट्रीब्यूशन भी जमा किया। दस हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त देने पड़े थे, हमें और राज्य की ओर से जमा करने वाले हिस्से को 10 फीसदी से बढा कर 14 फीसदी किया।"

कोरोना काल में निवेश पर पड़े दुष्प्रभाव को लेकर पूछे गये सवाल पर श्री योगी ने कहा कि कोरोना ने जनजीवन को बहुत प्रभावित किया है। अर्थव्यवस्था पर भारी आघात लगाया है। नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में जान और जहान बचाने का काम किया। जीवन और जीविका को बचाने के प्रयास में सफलता के साथ हम अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में सफल हुये हैं।

वार्ता

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