सियासत में बड़ा उलटफेर- मायावती के करीबी पूर्व विधायकों ने बदले पाले
बसपा की अध्यक्ष मायावती के करीबी दो पूर्व विधायकों ने अपनी पार्टियों से पाला बदल लिया
सहारनपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहारनपुर आगमन से पहले जिले की दलित सियासत में बड़ा उलटफेर करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती के करीबी दो पूर्व विधायकों ने अपनी पार्टियों से पाला बदल लिया। जिससे वहां से तीन बार परिसीमन से पूर्व सहारनपुर की आरक्षित हरोडा सीट से तीन बार बसपा विधायक रहे जगपाल सिंह ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं मायावती के एक और करीबी विधायक रहे रविंद्र कुमार उर्फ मोल्हू मंगलवार को भाजपा से अपनी घर वापसी कर फिर से बसपा में शामिल हो गए। अक्टूबर 2019 में बसपा छोड़कर भाजपा गये मोल्हू, सहारनपुर की रामपुर मनिहारान आरक्षित सीट से 2007 और 2012 में बसपा विधायक बने थे। वहीं, जगपाल सिंह हरोडा सीट से 1998, 2007 और 2012 में बसपा विधायक चुने गये थे। मायावती भी हरोडा सीट से ही 1996 और 2002 में विधायक चुनी गई थी।
रविंद्र मोल्हू ने कहा कि वह रामपुर मनिहारान सीट से भाजपा टिकट के दावेदार थे। पार्टी उन्हें सहारनपुर देहात सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश कर रही थी। उनके विरोधी जगपाल सिंह के भाजपा में शामिल हो जाने से उनके लिए भाजपा में रहना असंभव हो गया था। वह अब बसपा से रामपुर मनिहारान सीट से चुनाव लडेंगे। मोल्हू 2017 के चुनाव में महज 595 वोटों से भाजपा के देंवेंद्र निम से चुनाव हार गये थे। गौरतलब है कि सहारनपुर जिले में 23 फीसद अनुसूचित जाति के मतदाता है। जगपाल सिंह भाजपा में शामिल होने से पहले सूबे के कृषि मंत्री और जिले के प्रभारी सूर्य प्रताप शाही से यहां सर्किट हाऊस में मुलाकात की। उन्होंने बताया कि उनकी पहली पसंद सहारनपुर देहात है। लेकिन वह रामपुर मनिहारान सीट पर भी आसानी से जीत दर्ज कर सकते है।
उल्लेखनीय है कि 2017 में कांग्रेस के इमरान मसूद समर्थक उम्मीदवार मसूद अख्तर से सिंह चुनाव हार गये थे।