SIT की रिपोर्ट में तीस्ता को लेकर बड़ा खुलासा

एसआईटी के हलफनामे के मुताबिक अहमद पटेल के इशारे पर गुजरात दंगों के बाद मोदी को बदनाम करने की साजिश रची गई थी।

Update: 2022-07-17 05:38 GMT

अहमदाबाद। गुजरात दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने बड़ा आरोप लगाया है। एसआईटी के हलफनामे के मुताबिक अहमद पटेल के इशारे पर गुजरात दंगों के बाद मोदी को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता सीतलवाड़ को तीस लाख रुपये दिए गए थे। एसआईटी के मुताबिक गोधरा दंगों के बाद अहमद पटेल की तीस्ता सीतलवाड़ के साथ 2 बार मुलाकात हुई थी। पहली मुलाकात के दौरान तीस्ता को पांच लाख रुपये दिए गए और फिर दूसरी मुलाकात के दौरान 25 लाख रुपये दिए गए। गुजरात सरकार द्वार गठित एसआईटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासों के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को गिराने और पीएम मोदी को फंसाने के लिए जो कुछ भी किया, वह कांग्रेस के इशारे पर किया गया था। उन्होंने कहा, कांग्रेस द्वारा तीस्ता को करीब 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। पात्रा ने कहा, जो कुछ भी किया वह सिर्फ गुजरात और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया था। यह पूरी साजिश सत्ता पाने के लिए रची गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी तिजोरी से तीस्ता सीतलवाड़ को पर्सनल यूज के लिए पैसे दिए थे। उन्होंने कहा, इस पूरे खेल को अहमद पटेल ने अंजाम दिया था, लेकिन इसके पीछे सोनिया गांधी ही थीं। दरअसल, अहमद पटेल उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे।संबित पात्रा ने कहा, चोरी-चोरी, चुपके-चुपके रात के अंधेरे में ये सभी षड्यंत्रकारी संजीव भट्ट, तीस्ता सीतलवाड़ कुमार अहमद पटेल के घर पर मिले। उसके बाद कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं से मिले, सिर्फ इसलिए ताकि वो गुजरात की सरकार को गिरा सकें और नरेंद्र मोदी की छवि को खराब कर सकें।

एसआईटी ने 15 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 में गुजरात सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस से फंड मिला था। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीतलवाड़ 2002 में गोधरा में ट्रेन जलने की घटना के तुरंत बाद गुजरात में निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के लिए एक बड़ी साजिश रच रही थीं। यही नहीं इसके लिए उन्हें प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल के एक बड़े नेता से वित्तीय सहायता भी मिली थी।  

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