बड़ा फैसला- बगैर मंजूरी विज्ञापन नहीं छपवा सकेंगे राजनीतिक दल
राजनैतिक विज्ञापन की सामग्री उनके द्वारा राज्य एवं जिले की एनसीएमसी से पूर्व प्रमाणित नहीं करा ली जाती है।
नई दिल्ली। विधानसभा के गठन के लिए कर्नाटक में हो रहे चुनाव का प्रचार आज शाम 5.00 बजे समाप्त हो जाएगा। राज्य में चुनाव प्रचार के चरम पर पहुंचने के साथ ही निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को परामर्श जारी कर शिष्ट तरीके से प्रचार अभियान पर भी जोर दिया है। निर्वाचन आयोग की ओर से गठित की गई मीडिया एवं निगरानी समिति से मंजूरी के बगैर राजनैतिक दल प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेंगे।
सोमवार को शाम 5.00 बजे कर्नाटक में हो रहे विधानसभा चुनाव का प्रचार थम जाएगा, जिसके चलते राज्य में सत्ता की बागडोर थामने की जद्दोजहद में लगी कांग्रेस के अलावा भारतीय जनता पार्टी अपनी सत्ता को राज्य में फिर से कायम रखने का पूरा जोर लगा रही है। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचने के साथ ही राजनीतिक दलों को शिष्ट तरीके से प्रचार अभियान चलाने का परामर्श दिया है। निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया है कि आपत्तिजनक एवं भ्रामक प्रकृति के विज्ञापन पूरी चुनाव प्रक्रिया को प्रदूषित कर देते हैं। चुनाव आयोग की ओर से प्रिंट मीडिया के संपादकों को भी अलग से एक चिट्ठी भेजी गई है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के पत्रकारिता आचरण के मानदंड उनके समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों समेत सभी मामलों के लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे।
निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक के समाचार पत्रों के संपादकों को लिखी चिट्ठी में यह भी कहा है कि यदि जिम्मेदारी से इनकार किया जाता है तो यह स्पष्ट रूप से पहले ही बता दिया जाए। उधर राजनैतिक दलों को जारी परामर्श में चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रचार पर लगी रोक के दौरान विज्ञापनों को एमसीएमसी से पहले प्रमाणित कराना आवश्यक होगा। बगैर मंजूरी के कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन अथवा व्यक्ति मतदान के दिन या उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन उस समय तक प्रकाशित नहीं करा सकेगा, जब तक राजनैतिक विज्ञापन की सामग्री उनके द्वारा राज्य एवं जिले की एनसीएमसी से पूर्व प्रमाणित नहीं करा ली जाती है।