सपा विधानमंडल दल की बैठक में आजम नदारद
अखिलेश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई हालांकि इस बैठक में सपा के कद्दावर विधायक आजम खान और उनके कुछ समर्थकों ने हिस्सा नहीं लिया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के सोमवार को शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) विधानमण्डल दल की बैठक आज नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई हालांकि इस बैठक में सपा के कद्दावर विधायक आजम खान और उनके कुछ समर्थकों ने हिस्सा नहीं लिया।
आजम ने आज रामपुर में अपने समर्थकों से मुलाकात की और उनके दुख दर्द साझा किये। इस दौरान उन्होने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने को उत्सुक हैं हालांकि बीमारी की वजह से वह अभी सदन की सदस्यता ग्रहण नहीं कर सके हैं। एक सवाल पर श्री खान ने कहा " अखिलेश से नाराज़ होने के लिए आधार चाहिए मैं खुद ही निराधार हूं।"
सपा विधानमंडल दल की बैठक में बजट सत्र की रणनीति पर चर्चा की गई। विधायक दल की बैठक में कम से कम 35 दिनों तक सत्र को चलाए जाने की मांग की गई क्योंकि पांच या छह दिन के सत्र में आम जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकेगी। बजट सत्र लम्बा चलना चाहिए ताकि विस्तार से बजट पर चर्चा हो।
इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ता चला गया है। भाजपा के सभी वादे झूठे निकले हैं। भाजपा सरकार ने विघुत का बिल आधा करने का वादा किया जिसके सापेक्ष विद्युत आपूर्ति ही आधी रह गई है। फिक्सरेट पर बुनकरों को बिजली देने का काम समाजवादी सरकार ने किया था भाजपा उनके साथ अन्याय कर रही है। गरीबों के घरों को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। निर्दोषों को झूठे केसों में फंसाया जा रहा है। भाजपा सरकार विपक्षी दलों विशेष कर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को विधानसभा चुनाव के बाद फर्जी मुकदमें लगाकर परेशान कर रही है।
उन्होने कहा कि भाजपा जनता से जुड़े मुद्दों का सामना नहीं करना चाहती है। उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र पर तानाशाही थोपने का काम हो रहा है। भाजपा ने नैतिकता को त्याग दिया है। जनता को भरमाने के लिए वाराणसी का मुद्दा उछाला जा रहा है। सद्भाव से जनता न रहे इसलिए आरएसएस-भाजपा सरकारें जनहित के कामों से परहेज करती है और नफरत को बढ़ावा देती है।
वार्ता