विश्लेषण - भूपेन्द्र को यूपी भाजपा की कमान
पश्चिमी यूपी के किसानों से जोड़कर ये फैसला देखा जा रहा है भूपेंद्र सिंह चौधरी उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायतीराज मंत्री है
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोई भी राजनीतिक फैसला बहुत सोच विचार कर और उसके दूरगामी नतीजे देखने के बाद ही करती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालने वाले स्वतंत्रदेव सिंह को जब योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया, तब से ही यह मंथन चल रहा था कि प्रदेश भाजपा की बागडोर किसको सौंपी जाए। प्रदेश महामंत्री संगठन पद पर बंसल की जगह धर्मपाल सैनी को जब लाया गया, तभी यह अटकलें लगायी जाने लगी थी कि भाजपा को पश्चिम यूपी को मजबूत करने की फिक्र है। इसके साथ ही प्रमुख विपक्षी दल सपा के पास ओबीसी वर्ग के वोटर हैं। इनको भाजपा की तरफ मोड़ने के लिए पिछड़े वर्ग के नेताओं को ही तरजीह देने की जरूरत महसूस की गयी। महामंत्री पिछड़े वर्ग से है तो अध्यक्ष पद पर जाट समुदाय से आने वाले भूपेन्द्र सिंह चौधरी को बैठाया गया है। इस प्रकार 2024 में लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्त्र प्रदेश के राजनीतिक समीकरण अपने पक्ष में करने के लिए योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। भूपेन्द्र चौधरी ने जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। पढ़ाई के दौरान ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गये थे। इसके बाद 1989 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। मुरादाबाद के एक छोटे से गांव महेन्द्रा सिकंदरपुर में जन्में भूपेन्द्र को पहले अपने ही जिले में संगठन की विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाने का अवसर दिया गया। उनको सन् 2000 में ओबीसी विभाग का संयोजक बनाया गया था। पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय मंत्री के तौर पर रूहेलखण्ड इलाके में भाजपा को मजबूत करने में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर लंबे वक्त से चल रही अटकलें 25 अगस्त को खत्म हो गई। बीजेपी ने राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का एलान कर दिया है। बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक चिट्ठी में नाम का एलान किया गया है। पार्टी ने यूपी की कमान भूपेंद्र सिंह चौधरी को दी है। यूपी में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लंबे समय से अटकलें चल रही थीं। इस दौरान राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी, कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा का नाम प्रमुखता से चल रहा था. लेकिन तमाम अटकलों के बीच आखिरकार बीजेपी ने यहां पार्टी के नए अध्यक्ष का एलान कर दिया है। यूपी में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भूपेंद सिंह चौधरी, वर्तमान में योगी सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की जगह लेंगे। बीते 16 जुलाई को स्वतंत्र देव सिंह ने अपना तीन सालों का कार्यकाल पूरा किया था. जिसके बाद ये भी चर्चा चली कि स्वतंत्र देव सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।
वहीं बीजेपी में एक पद एक व्यक्ति की परंपरा लंबे समय से रही है. ऐसे में देखा जाए तो स्वतंत्र देव सिंह यूपी बीजेपी के अध्यक्ष होने के साथ ही राज्य सरकार में मंत्री भी हैं। जबकि अभी बीते दिनों ही उन्होंने विधान परिषद में पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दिया है। स्वतंत्र देव सिंह के प्रदेश अध्यक्ष रहते बीजेपी ने राज्य में एक लोकसभा चुनाव और एक विधानसभा चुनाव जीता है। अब नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए पिछले प्रदर्शन को दोहराना ही एक बड़ी चुनौती होगी। दो साल बाद ही चुनाव होने हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। माना जा रहा है कि बीजेपी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही भूपेंद्र सिंह चौधरी को ये कमान दी है। उनके पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है और पश्चिमी यूपी में बड़े जाट नेता के तौर पर जाने जाते हैं। भूपेंद्र सिंह चौधरी को कमान देने की पांच बड़ी वजह मानी जा रही है। यूपी में कुल चार से छह फीसदी जाट वोटर्स हैं। जाट वोटर्स की पश्चिमी यूपी में कुल 17 फीसदी हिस्सेदारी है। लोकसभा की 18 फीसदी सीटों पर विधानसभा की 120 सीटों पर प्रभाव है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी जाट वोटर्स का प्रभाव है। चौधरी भूपेन्द्र ने संगठन को आगे बढ़ाने का लंबा अनुभव है।
पश्चिमी यूपी के किसानों से जोड़कर भी ये फैसला देखा जा रहा है। बता दें कि भूपेंद्र सिंह चौधरी उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायतीराज मंत्री हैं। वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्हें 10 जून 2016 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य चुना गया था। भूपेंद्र सिंह चौधरी का जन्म मुरादाबाद जिले के गांव महेंद्री सिकंदरपुर में हुआ था। भूपेंद्र चौधरी का जन्म साल 1966 में एक किसान परिवार में हुआ था। भूपेंद्र सिंह चौधरी की शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई और फिर मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं पास की. वह आगे चलकर विश्व हिंदू परिषद से जुड़े और फिर 1991 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली। इसके दो साल बाद वह बीजेपी की जिला कार्यकारिणी के सदस्य बन गए। इसके बाद 2006 में उन्हें पार्टी का क्षेत्रीय मंत्री और 2012 में पार्टी का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया। वह 2016 में एमएलसी नामित हुए. राज्य में 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें पंचायतीराज राज्यमंत्री बनाया गया। 1999 के लोकसभा चुनाव में उनको बीजेपी के टिकट पर संभल से चुनाव लड़ाया गया था। इस चुनाव में वह मुलायम सिंह यादव से हार गए थे।
भाजपा ने भूपेन्द्र चौधरी को पहली बार 2009 में विधान सभा चुनाव में उतारा। पश्चिम मुरादाबाद सीट से उपचुनाव हुआ था। भूपेन्द्र चौधरी उपचुनाव हार गये थे लेकिन उनकी क्षमता को देखते हुए पार्टी ने संगठन के कार्य में लगाए रखा। उनको 2010 से 2018 तक चार बार भाजपा का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया। उनके नेतृत्व में ही 2017 के विधान सभा चुनाव में पार्टी ने पश्चिमी यूपी में बेहतर प्रदर्शन किया था। इस प्रकार पार्टी के प्रति चौधरी के समर्पण को देखते हुए 2016 में विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय में अहम भूमिका निभाने के चलते ही 2017 को योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बनाए गये थे। तत्पश्चात 2022 में जब प्रदेश में दोबारा योगी आदित्यनाथ की ही सरकार बनी तो उन्हें दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। वे मौजूदा समय में विधान परिषद के सदस्य हैं। इस प्रकार भाजपा के संकट मोचक की भूमिका निभाने वाले चौधरी भूपेन्द्र सिंह को प्रदेश संगठन की बागडोर सौंपी गयी है। उनके महामंत्री संगठन धर्मपाल सैनी भी तालमेल बनाने में दक्ष हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (बिजनौर) से ताल्लुक रखते हैं। प्रदेश में संगठन को और ज्यादा मजबूती मिलेगी, यही अपेक्षा की जाती है। (हिफी) (अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)