पिता के बाद अब पुत्र से लोहा लेगें 'सन ऑफ मल्लाह'
देवदास, बजरंगी भाईजान और कलंक जैसी हिंदी फिल्मों के सेट बना चुके सहनी राजग के घटक वीआईपी के टिकट पर रणभूमि में उतरे हैं।
पटना। बॉलीवुड में अपनी धाक जमा चुके 'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से मशहूर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी वर्ष 2019 में हुये लोकसभा चुनाव में खगड़िया सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रत्याशी महबूब अली कैसर से हारने के बाद इस बार के विधानसभा चुनाव में सहरसा जिले की सिमरी बख्तियारपुर सीट पर सांसद महबूब अली कैसर के पुत्र और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी युसूफ सलाहउद्दीन से लोहा लेने जा रहे हैं।
बिहार में तीसरे चरण में हो रहे विधानसभा चुनाव में सिमरी बख्तियारपुर सीट बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। देवदास, बजरंगी भाईजान और कलंक जैसी हिंदी फिल्मों के सेट बना चुके मुकेश साहनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक वीआईपी के टिकट पर मुकेश साहनी चुनावी रणभूमि में उतरे हैं, जिनका मुकाबला खगड़िया के सांसद महबूबल अली कैसर के पुत्र और राजद प्रत्याशी युसूफ सलाहउद्दीन से है।
वर्ष 2015 में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के दिनेश चंद्र यादव (अभी मधेपुरा सांसद) ने लोजपा प्रत्याशी युसूफ सलाहउद्दीन को 37807 मतों से पराजित किया था। वर्ष 2019 में हुये लोकसभा चुनाव में दिनेशचंद्र यादव के सांसद बनने के बाद रिक्त हुयी सिमरी बख्तियारपुर सीट पर हुये उप चुनाव में राजद के जफर आलम ने जीत हासिल की थी।
इस बार के विधानसभा चुनाव में राजद ने लोजपा से बागी युसूफ सलाहउद्दीन को पार्टी उम्मीदवार बनाया है वहीं राजद से टिकट नहीं मिलने से नाराज जफर आलम जन अधिकार पार्टी (जाप) के टिकट पर चुनावी रणभूमि में उतर आये हैं। वहीं लोजपा के संजय कुमार सिंह भी मुकाबले को रोचक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस सीट पर 22 प्रत्याशी चुनावी रण में किस्मत आजमां रहे हैं। सिमरी बख्तिारपुर सीट पर लोजपा सांसद महबूब अली कैसर के परिवार का दबदबा रहा है। उनके पिता पूर्व मंत्री चौधरी सलाहउद्दीन ने वर्ष 1967,1972,1977,1980 और 1985 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद श्री कैसर वर्ष 1995, 2000 और 2009 के उपचुनाव में इस सीट पर निर्वाचित हुये। मधेपुरा के वर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव भी 1990, फरवरी एवं अक्टूबर 2005 और वर्ष 2015 में इस सीट से निर्वाचित हो चुके हैं।