आप सरकार ने पंजाब के स्वास्थ्य ढांचे को खोखला कर दिया है- भाजपा

शेरगिल ने कहा कि आप सरकार की गलत नीतियों के कारण पंजाब में 564 ग्रामीण डिस्पेंसरियां आईसीयू में पहुंच चुकी हैं।

Update: 2023-10-19 04:15 GMT

चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने बुधवार को कहा कि जब से आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब की सत्ता संभाली है, राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र और विशेषकर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं।

 शेरगिल ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की लचर कार्यप्रणाली पर भारी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली ग्रामीण डिस्पेंसरियां खस्ताहाल हैं और उनमें बुनियादी दवाएं भी नहीं हैं। यहां तक कि शहरी स्वास्थ्य प्रणाली भी काफी तरह से प्रभावित है। इसे लेकर उन्होंने राज्य के लोगों की बुनियादी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सरकार की बुरी तरह से विफलता पर गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में श्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार के सभी बड़े-बड़े दावे मात्र खोखले साबित हुए है जो महज दिखावा हैं। जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।

शेरगिल ने कहा कि आप सरकार की गलत नीतियों के कारण पंजाब में 564 ग्रामीण डिस्पेंसरियां आईसीयू में पहुंच चुकी हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि रिपोर्ट के अनुसार राज्य की 60 प्रतिशत आबादी को सेवाएं प्रदान करने वाले ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में पैरासिटामोल जैसी बेसिक दवाएं भी उपलव्ध न होने से स्पष्ट होता है कि स्थिति कितनी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि शर्मनाक बात यह है कि कई ग्रामीण डिस्पेंसरियों में तैनात रूरल मेडिकल अफसर (आरएमओ) दवाएं खरीदने के लिए अपनी जेब से भुगतान कर रहे हैं, ताकि मरीजों को परेशानी न हो।

उन्होंने यह भी कहा कि श्री मान केवल खुद को सही ठहराने और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए आम आदमी क्लीनिकों में आने वाले मरीजों के फर्जी आंकड़े पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई आम आदमी क्लीनिकों में फर्जी ओपीडी रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, जिसका प्रमाण यह है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि कुल 664 आम आदमी क्लीनिकों में से बड़ी संख्या में क्लीनिक जरूरी बुनियादी ढांचे से वंचित हैं। ऐसे में हास्यास्पद है कि राज्य में कई जगहें हैं, जिनमें खासकर सीमावर्ती जिलों में 35 किलोमीटर की दूरी पर सिर्फ एक आम आदमी क्लीनिक है। जबकि कई इलाकों में महज एक किलोमीटर की दूरी पर दो आम आदमी क्लीनिक मिल जाएंगे।

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