किसानों की रिहाई को मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम

गुस्साये किसानों ने सिरसा-डबवाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-नौ पर दोपहर बाद अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर यातायात जाम कर दिया

Update: 2020-10-07 13:31 GMT

सिरसा। केंद्र सरकार के हाल ही में पारित कृषि सुधान कानून के खिलाफ यहां धरना दे रहे लगभग 200 किसानों को पुलिस द्वारा आज सुबह हिरासत में लिये जाने से गुस्साये किसानों ने सिरसा-डबवाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-नौ पर दोपहर बाद अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर यातायात जाम कर दिया जिससे इस राजमार्ग से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदेश के 17 किसान संगठनों ने गत मंगलवार से यहां महापड़ाव और अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। लेकिन पुलिस ने आज सुबह धरनास्थल पर पहुंच कर करीब 200 किसानों को हिरासत में ले लिया और इन्हें सदर थाने ले गई जिससे किसान और भड़क गये। हिरासत में लिए गए किसान थाने में भी धरने पर बैठ गए और पुलिस और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। आंदोलनकारी किसानों को जब यह पता चला कि उनके चार साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने ले जाया जा रहा है तो वे गाड़ियों के आगे लेट गए और उन्हें थाने से बाहर नहीं निकलने दिया अंततः पुलिस को अपना कदम वापस लेना पड़ा और उन्हें थाने में ही पुन: बिठा दिया।

धरनारात किसानों को हिरासत में लेने और उसके बाद चार किसान नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की खबर जैसे ही जूही गांव पहुंची तो सैकड़ों की तादाद में किसान एकत्रित होकर सिरसा डबवाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-नौ पर साहुवाला प्रथम गांव के निकट धरना शुरू कर दिया। धीरे धीरे किसानों की तादाद बढ़ती चली गई तथा दोपहर बाद तक किसानों ने राजमार्ग पर धरना शुरू कर जाम लगा दिया जिससे दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं और लोगों को अपने गंतव्य की ओर बढ़ने में खासी परेशानी उठानी पड़ी। रूके वाहनों में आवययक रसद सामग्री ले जा रहे ट्रक भी शामिल थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को गांव के विभिन्न मार्गों से उनके गंतव्य तक जाने की व्यवस्था की।

उधर हिरासत में लिए जाने वालों में स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव, हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारू खेड़ा और अन्य विभिन्न किसान संगठनाें लोग शामिल हैं। हिरासत में लिये जाने से योगेंद्र यादव ने मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया। उन्होंने दावा किया कि इन कानूनों के बाद किसानों की हालत और बद्तर हो जाएगी। पुलिस ने हिरासत में लिए किसानों में से भारू खेड़ा के अलावा अन्य किसानों मंदीप सिंह रतिया, जोगेंद्र नैन और विकास इस्सर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने धरनास्थल के करीब खड़े किसानों के ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, जीप और कार समेत अन्य वाहन भी जब्त कर लिये हैं।

उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार से स्थानीय रामलीला मैदान में राज्यभर के लगभग 17 विभिन्न किसान संगठनों द्वारा यहां एक सभा करने के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और बिजली मंत्री रणजीत सिंह के आवास का घेराव करने का प्रयास किया था लेकिन मौके पर मौजूद भारी पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी बौछारों से इन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान गुस्साए किसानों ने श्री चौटाला के आवास के निकट लगाये अवरोधक भी उखाड़ फेंके थे। पुलिस द्वारा किसानों को इन दोनों मंत्रियों के आवास की ओर नहीं बढ़ने देने पर किसान डेरा बाबा भूमन शाह चौक पर अनिश्चितकालीन धरना लगाकर बैठ गए थे।

उधर पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह का कहना है कि किसानों ने सिरसा-बरनाला राजमार्ग जाम कर कानून हाथ में लेने का काम किया है। इस आंदोलन में जो किसान शामिल हैं उनके खिलाफ मामले दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था कायम करना उनकी प्राथमिकता है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए अन्य जिलों से पुलिस बल मंगाया गया है और प्रयास हैं कि हालात न बिगड़ें।

साहुवाला प्रथम गांव में धरना दे रहे किसानों का कहना है कि जब तक पुलिस हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा नहीं करती और दर्ज मुकदमें रद्द नहीं किए जाते वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे।

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