सांसद संजीव एवं विधायक उमेश के संयुक्त प्रयास से मुजफ्फरनगर-बड़ौत मार्ग पर फर्राटा भर रहे है क्षेत्रवासी
स्थानीय सांसद संजीव बालियान एवं क्षेत्रीय विधायक उमेश मलिक का सयुंक्त प्रयास ही है कि मुजफ्फरनगर-बडौत मार्ग जनपद का पहला पायलेट प्रोजक्ट इतनी जल्दी तैयार हो सका है।
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर से बडौत मार्ग-लम्बाई 59 किलोमीटर - स्थिति सिंगल रोड़ और गडढों से लबालब इस रोड़ से गुजरने वाले कब दुर्घटनाग्रस्त हो जाये पता भी नही चलता था। ऊपर से शाहपुर एवं बुढाना कस्बों में जाम की समस्यां इस रोड़ पर चलने वालों के लिये दुश्वारियां बहुत थी। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से सांसद तो बुढाना विधानसभा ( पहले खतौली और कांधला विधानसभा का हिस्सा) से विधायक भी जीतते रहे, मगर इस मार्ग की चिंता किसी को नही थी। नतीजा मुजफ्फरनगर से बडौत रोड़ से गुजरने वालो की दुर्दशा सबके सामने थी। 2014 में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से संजीव बालियान सांसद बने तो उनकी विकासशील सोच और 2017 में बुढाना से विधायक बने उमेश मलिक से जगी उम्मीद से इस मार्ग की बदहाली दूर होनी तब शुरू हुई जब संासद डां संजीव बालियान एवं विधायक उमेश मलिक ने सामूहिक प्रयास कर एशियन डवल्पमेंट बैंक (एडीबी) से 300 करोड़ स्वीकृत कराकर उत्तर प्रदेश सरकार से इस मार्ग का पहले 27 अक्टूबर 2018 को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शाहपुर के मैदान पर शिलान्यास कराया तो आज ठीक 627 दिन बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने तैयार हो चुके इस मार्ग का लोकार्पण कर इस मार्ग से जुडे 45 गांवों की जनता के लिये 10.5 मीटर के चैडे रोड पर सुगम आवागमन की सुविधा दे दी है। दरअसल सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान एवं क्षेत्रीय विधायक उमेश मलिक इसी सडक के आस-पास के गांवों के मूल निवासी है। अपने गांव से मुजफ्फरनगर या फिर बडौत-बागपत-दिल्ली जाने में होने वाली दिक्कतों से दोनो जनप्रतिनिधि वाकिफ थे तभी तो दोनो ने मिलकर इस मार्ग की कायाकल्प कर दी है। अब इस मार्ग के चैडीकरण होने के कारण क्षेत्रवासी इस सडक पर फर्राटे भर रहे है। स्थानीय सांसद संजीव बालियान एवं क्षेत्रीय विधायक उमेश मलिक का सयुंक्त प्रयास ही है कि मुजफ्फरनगर-बडौत मार्ग जनपद का पहला पायलेट प्रोजक्ट इतनी जल्दी तैयार हो सका है।
नेशनल हाईवे 58 के बाद मुजफ्फरनगर जनपद को बडौत के रास्ते देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने के लिए मुजफ्फरनगर, बुढ़ाना, बडौत राजमार्ग काफी महत्वपूर्ण है। इस राजमार्ग का भौगोलिक महत्व होने के साथ ही धार्मिक लिहाज से भी बड़ा महत्व है। प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में शिव की आराधना में महाशिवरात्रि के अवसर पर शुरू होने वाली विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक पैदल यात्रा कांवड यात्रा में उत्तराखंड से मुजफ्फरनगर के रास्ते विभाजित होने वाली इस कांवड यात्रा के लिए बुढ़ाना-बडौत मार्ग भी मुख्य क्षेत्र है, हरिद्वार से गंगाजल लेकर चलने वाले शिवभक्त बडौत में पुरा गांव के श्री परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में इसी रास्ते से होकर महादेव का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। इसके साथ ही भौगोलिक रूप से भी यह मार्ग काफी महत्व रखता है। इसके साथ ही नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स से बचने के लिए भी लोगों के द्वारा इसी राजमार्ग के रास्ते दिल्ली का सफर तय किया जाता है, लेकिन धार्मिक और भौगोलिक महत्व वाले इस राजमार्ग की पिछले सरकारों से ही अनदेखी होने से इस क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें टूटती रही। इस मार्ग के उद्धार के लिए मुजफ्फरनगर के सांसद डाॅ. संजीव बालियान एवं बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक उमेश मलिक ने अथक प्रयास किये। उन्होंने इसे क्षेत्र की प्रमुख समस्या के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा और स्थानीय सांसद डाॅ. संजीव बालियान एवं विधायक उमेश मलिक ने मिलकर क्षेत्रवासियों को ये ऐतिहासिक सौगात देने की रूपरेखा तैयार की, जो 300 करोड़ रुपये की लागत से बुढ़ाना बडौत राजमार्ग के पुनःनिर्माण की परिणीति के रूप में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के हाथों सामने आई थी। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से इस नव निर्मित मार्ग का लोकापर्ण कर दिया है। इस अवसर पर आज राज्यमंत्री स्वतंत्री प्रभार कपिल देव अग्रवाल, विधायक उमेश मलिक, विधायक विक्रम सैनी, पुरकाजी विधायक प्रमोद उटवाल, डीएम सेल्वा कुमार जे, सीडीओ आलोक कुमार एवं एडीएम प्रशासन अमित कुमार मौजूद रहे।
जनता के समस्याओं को समझते हुए मंत्री डाॅ संजीव बालियान एवं बुढाना विधायक उमेश मलिक ने 300 करोड़ की लागत से सिंगल रोड़ का चैडीकरण कराया। इस मार्ग पर 45 गांव पडते है। पहले मुुजफ्फरनगर से शाहपुर 21 किलोमीटर है पहले मुजफ्फरनगर से शाहपुर पहुचने में एक घण्टे का समय लगता था, मुजफ्फरनगर से बुढाना 35 किलोमीटर है, मुजफ्फरनगर से बुढाना पहुंचने में डेढ घण्टा का समय लगता था और मुजफ्फरनगर से बडौत 60 किलोमीटर है मुजफ्फरनगर से बडौत पहंुचने में 2 से ढाई घण्टे लग का समय लग जाता था। अब मुजफ्फरनगर से शाहपुर पहुचंने का समय सिर्फ 20 मिनट लगता है, मुजफ्फरनगर से बुढाना पहुंचने का समय केवल 40 मिनट लगता है और बडौत पहुंचने का समय केवल 1 से सवा घण्टे में सफर तय हो जाता है। पहले सिंगल सड़क एवं गडढे होने के कारण इस मार्ग पर एक्सीडेंट होने की समस्या भी बहुत थी, जब से यह रोड़ बना है तब से दुर्घटनाओं में भी कमी आई है।
मुज़फ्फरनगर से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान बताते है जब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री था तब एशियन डवल्पमेंट बैंक से यह प्रोजेक्ट पास कराया था। लेकिन प्रदेश में सपा सरकार होने के कारण इसकी स्वीकृति नहीं दी गयी थी। 2017 में सूबे में भाजपा की सरकार आयी तब उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से इसकी स्वीकृति कराकर काम शुरू कराया गया था। अब ये रोड बनकर तैयार हो गया है इस मार्ग के चौड़ीकरण होने से क्षेत्रवाशियों को इसका लाभ मिलेगा।
विधायक उमेश मलिक कहते हैं, ''इस सिंगल रोड को अब 30 फुट चौड़े रोड़ में तब्दील किया गया है। इसकी तकनीक विश्व स्तरीय है और निर्माण के बाद करीब इस राजमार्ग पर आवागमन सुलभ हुआ तो क्षेत्र में विकास के रास्ते भी खुलने शुरू हो गए है। इस राजमार्ग के पूर्ण होने से क्षेत्र के किसानों को भी अधिक लाभ होगा। यहां से किसान अपनी उत्पाद दिल्ली के खुले बाजार में ले जाकर बेचने में राहत महसूस करेंगे। मंत्री डाॅ संजीव बालियान एवं बुढाना विधायक उमेश मलिक ने इस मार्ग पर 1600 पौधे लगाने का काम भी किया है।