मुआवजे को लेकर सडक पर उतरे किसान-किया धरना प्रदर्शन
किसानों के प्रदर्शन से हाईवे का रास्ता अवरुद्ध हो गया जिसके चलते पुलिस ने वैकल्पिक मार्गाे के माध्यम से यातायात को निकाला
शामली। किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में किसानों ने अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों के प्रदर्शन से हाईवे का रास्ता अवरुद्ध हो गया। जिसके चलते पुलिस ने वैकल्पिक मार्गाे के माध्यम से यातायात को निकाला।
सोमवार को किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में दिल्ली-देहरादून राजमार्ग स्थित कलेक्ट्रेट में सैकड़ों किसानों ने इकट्ठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बागपत द्वारा दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिकल कॉरीडोर के निर्माण में जनपद के तकरीबन दर्जनभर गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। लेकिन किसान सरकार द्वारा दिए गए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा भी कई अन्य समस्याओं को लेकर किसानों द्वारा जिलाधिकारी को 11 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को दिया गया। किसानों ने सरकार से मांगप़त्र में उल्लेखित सभी मांगों को पूरा करने की मांग की है। दरअसल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बागपत द्वारा दिल्ली देहरादून इकोनॉमिकल कॉरिडोर के निर्माण हेतु जनपद शामली के गांवों बनती खेड़ा, भैसानी इस्लामपुर, भाज्जू, भीक्का माजरा, बट्रादा, चुनसा, गोगवान, केडी समेत अन्य कई गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई है। जिसके चलते सोमवार को दिल्ली देहरादून हाईवे किसान संघर्ष समिति के तत्वाधान में सैकड़ों किसानों ने जनपद की कलेक्ट्रेट में अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा उन्हें जो मुआवजा दिया गया है। वह सन 2013 व 2015 के आधार पर दिया गया है। जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी जमीनों का मुआवजा 2020 - 21 के सर्किल रेट अनुसार दिया जाए। किसानों का कहना है कि जिन किसानों की भूमि हाईवे के अन्तर्गत अधिग्रहित की गई है उनके परिवार से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा भी किसान हित से जुड़ी अन्य कई समस्याओं का निराकरण किया जाए। किसानों का कहना है कि उक्त गांवों की 3 डी एवं 3 ए आने के बाद किसानों द्वारा आपत्तियां लगाई गई थी। जिस पर आजतक न तो कोई सुनवाई हुई है और न ही इनका कोई निस्तारण हुआ है। इसके समेत 11 सूत्रीय मांगो को लेकर किसानों द्वारा कलेक्ट्रेट में धरना प्रर्दशन किया गया। जिसके उपरांत किसानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए उनकी सभी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की है।