अजय के ऑपरेशन कुंडली का असर,अब अपराध पर आमादा नही रहेगा आमिल
शामली के पुलिस प्रमुख के रूप में कमान संभालने वाले आईपीएस अजय कुमार पांडेय ने जिस जौहर के साथ गुड पुलिसिंग करते हुए जनता में एक प्रभावशाली प्रशासक के रूप में पहचान बनाई है
शामली। उत्तर प्रदेश में 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद जिस प्रकार से कानून व्यवस्था को लक्ष्य लेकर राज्य सरकार ने प्राथमिकता दिखायी, उसी के रिजल्ट सामने आ रहे हैं। 3 हजार से ज्यादा पुलिस एनकाउंटर के बाद अपराधियों में दहशत का आलम यह है कि गले में 'माफी-माफी' का राग अलापते हुए अपराधियों को थानों और पुलिस अफसरों की दहलीज पर जान की अमान मांगते हुए देखा जा रहा है। जनपद शामली में जिस प्रकार से पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने अपराधमुक्त अभियान के प्रति दृढ संकल्प दिखाया है, उसने अपराधियों में उनका ऐसा खौफ पैदा कर दिया है कि जेल से छूटते ही अपराधी 'हाजिर हूं साहब...!' का नजारा पेश करते दिखाई दे रहे हैं। कभी समाज में खौफ का कारण बने यह अपराधी आज अपराध के रास्ते पर चलने से तौबा करने पर आमादा हो रहे हैं।
शामली के पुलिस प्रमुख के रूप में कमान संभालने वाले आईपीएस अजय कुमार पांडेय ने जिस जौहर के साथ गुड पुलिसिंग करते हुए जनता में एक प्रभावशाली प्रशासक के रूप में पहचान बनाई है, उसकी एग्रीसिव पुलिसिंग ने अपराधियों के बीच उतना ही खौफ पैदा करने का काम किया है। उन्होंने अपराध उन्मूलन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'गोली का जवाब-गोली से देने से नहीं चूंकेंगे' पर अमल करते हुए शामली को अपराधमुक्त बनाने में सफलता हासिल की है। उनके नेतृत्व में शामली पुलिस ने निरंतर कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। एसपी अजय कुमार के कार्यकाल में जनपद में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में करीब 80 प्रतिशत की कमी ही उनकी कार्यप्रणाली को साबित करने के लिए काफी है। अपराधियों में आज खौफ का आलम यह है कि जेल की काल कोठरी से निकलने के बाद उनको पुलिस की 'धायं-धायं' की दहशत अपने घर की छत के नीचे सुकून भरी नींद भी नहीं लेने दे रही है। अपराधी थानों में जाकर हाजिरी दे रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला एसपी शामली अजय कुमार के सामने एक व्यक्ति पेश हुआ। उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों का रिकार्ड उसको घर में चैन से सोने नहीं दे रहा है। एसपी के सामने हाथ जोड़कर आये आमिल खां पुत्र जमशेद खां निवासी मौहल्ला अफगानान थाना कैराना, जिला शामली को एसपी अजय कुमार ने पहले एक फरियादी समझा, लेकिन जब आमिल ने अपना प्रार्थना पत्र उनके सामने रखा तो वह भी चौंक गये। आमिल हत्या के मामले में जेल काटकर अब अपने घर लौटा है। आमिल को डर है कि कहीं अपराधियों के खिलाफ चलाये जा रहे एसपी अजय कुमार के अभियान की चपेट में वह भी शिकार ना हो जाये। एक अपराधी के मन में पुलिस का इस तरह का भय पूर्व में किसी भी सरकार में नहीं दिखायी दिया।
आमिल खां को थाना कैराना पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह मुजफ्फरनगर कारागार में 4 साल की जेल काटकर आया हाल ही में अपने घर लौटा तो पुलिस का भय सताने लगा। रोजमर्रा हो रहे एनकाउंटर की 'धायं-धायं' का शोर उसकी रातों की नींद उड़ाने लगा तो वह माफी का तलबगार बनकर कप्तान अजय कुमार के पेशी में हाजिर हो गया। आमिल खां ने एसपी को बताया कि कुसंगति के कारण निर्दोष होते हुए भी वह हत्या का मुजरिम बन गया। आमिल ने बताया कि उसके 2 छोटे-छोटे बच्चे है, जेल जाने के बाद उनका पालन पोषण व शिक्षा का कोई प्रबन्ध नहीं हो सका, पड़ोसियों ने जैसे तैसे खाने-पहनने के लिए बच्चों की सहायता की। आमिल खां ने एसपी अजय कुमार के समक्ष शपथ करते हुएक हा कि वह अब कुसंगति मुक्त व अपराध मुक्त जीवन जीना चाहता है और मजदूरी करके अपने बच्चों की शिक्षा का व उनके जीवन यापन का प्रबन्ध करना चाहता है। उसकोा जेल से आये अभी 6 दिन ही हुए है और वह अपकी शरण में आया है। अपराध का रास्ता छोड़ने पर आमादा आमिल ने क्राईम से कोसों दूर रहने की कसम खाकर एसपी से अपील करते हुए कहा कि उसको सुधरने का एक अन्तिम अवसर दिया जाये। आमिल ने कहा कि वह अपने स्तर से बीच-बीच में उसकी गतिविधियो की आप जांच भी कराते रहें और वह समय-समय पर कैराना थाना पर अपनी आमद दर्ज कराता रहेगा। एसपी शामली के सामने अपराध से तौबा करने वाला आमिल खां जनपद शामली में कानून व्यवस्था की मजबूती की कहानी बनकर सामने आया है। यह एक बानगी भर है, ऐसा ना जाने कितने किस्से आईपीएस अजय कुमार की फेहरिस्त में दर्ज हो गये हैं। एसपी अजय कुमार का कहना है कि आमिल खां के खिलाफ कई अपराध पंजीकृत हैं। उसने जेल से छूटने के बाद छठे दिन ही मेरे सामने आकर अपराध से तौबा की और बताया कि वह अपने परिवार के पालन पोषण के लिए सुधरना चाहता है, वह हाजिरी भी थाने में देता रहेगा। उनका कहना है कि पुलिसिंग का मकसद अपराधियों का सफाया नहीं है, अपराध का खात्मा करना है, यदि कोई अपराधी अपराध का रास्ता छोड़ने पर आमादा है और समाज में लौटना चाहता है तो पुलिस प्रशासन उसकी हर संभव सहायता के लिए तैयार है। इसी के लिए आमिल के मामले में भी हमने मानवीय दृष्टिकोण से काम लिया है, कैराना थाना प्रभारी को आमिल पर सतर्क नजर बनाये रखने के लिए कहा गया है। उसकी रिपोर्ट सकारात्मक आती है तो पुलिस उसकी मददगार बनेगी।