मानवीय पुलिसिंग के लिए जाने जाते है यह IPS अफ़सर - अब यहां छोड़ी छाप

पुलिस कप्तान के रूप में जहां भी आईपीएस अफसर अजय कुमार पांडे तैनात रहते हैं वहां अपनी दरियादिली की छाप छोड़कर जाते हैं

Update: 2022-05-16 08:37 GMT

प्रयागराज । जनपद की जनता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडेय की ऐसे ही नहीं तारीफ करती है , बल्कि उन्होंने मानवता , संवदेनशीलता के साथ लोगों की सेवा करके उनका दिल जीत लिया है । उन्होंने प्रयागराज जनपद की जनता का भरोसा और प्यार जीता है । इसके लिए उन्होंने अपने कार्यालय और कैम्प ऑफिस के दरवाजे आम जनता के लिए हमेशा खुले रखे हैं । सभी से मिलना , सबकी बातें ध्यान से सुनना और गुण - दोष के आधार पर तुरंत ही निर्णय ले लेना कोई एसएसपी अजय कुमार पांडेय से सीखे ।


गौरतलब है कि बीते दिवस एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार पांडेय अपने दफतर में बैठकर जब वह अपने निर्धारित समय से कार्यालय से बाहर आये तो एक महिला फरियादी ने अपनी आपबीती बतायी । इस पर इस चिलचिलाती धूप में एसएसपी अजय कुमार पांडेय ने अपनी कार की बोनट पर ही उसका पत्र लेकर संबंधित को आदेश जारी किया। एसएसपी की इस कार्यशैली की जनपद में प्रशंसा हो रही है।


गौरतलब है कि इससे पहले भी जब अजय कुमार शामली जनपद के कप्तान थे तब भी ऐसा ही एक मामला मानवता व संवेदनशीलता की नई मिसाल पेश करता पहला वाकया बीते 6 सितम्बर को सामने आया था । हुआ यूं था कि एसपी अजय कुमार अपने कार्यालय का काम निपटाने के बाद करीब 1 बजे अपनी गाड़ी में बैठ कर निकले ही थे , कि कार्यालय से करीब 1 किलोमीटर जाने के बाद उन्हें एक ई - रिक्शा अपने कार्यालय की ओर आता हुआ दिखायी दिया , जिसमें एक वृद्ध दम्पति बैठे थे । उनके हाथ में एक कागज था , जिसको थामे वे एसपी की तरफ इशारा कर ही रहे थे ।


कार में बैठे हुए तत्कालीन एसपी शामली अजय कुमार की नजर उन पर पड़ी तो उन्हें यह समझते देर न लगी कि ये वृद्ध दम्पति फरियादी हैं और अपनी किसी समस्या को लेकर उनसे मिलने उनके दफ्तर ही जा रहे हैं । उन्होंने तुरंत अपनी सरकारी कार रुकवाई और बिना किसी से कुछ बोले जल्दी से गाड़ी से उतरे और लम्बे - लंबे डग भरते हुए वृद्ध दम्पति तक पहुंच गये । उनको देखकर वृद्ध दम्पति की बूढ़ी आँखें आशा व विश्वास की किरणों से चमक उठीं । एसपी अजय कुमार ने भी वहीं खड़े - खड़े मौके पर ही उनकी पूरी बात सुनकर उनके प्रार्थना पत्र सम्बन्धित को कार्यवाही के लिए आदेश कर दिये और फिर अपने रास्ते चल पडे । जिसने भी इस मंजर को देखा , बस वाह - वाह कर उठा था ।

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