नेत्रहीन पिता की MBBS कर रही बेटी को PM मोदी और DM की वजह से मिली फीस
नेत्रहीन पिता की बेटी आलिया को प्रधानमंत्री मोदी और भरूच के कलेक्टर की वजह से पूरी होने की उम्मीद जगी है
नई दिल्ली। नेत्रहीन पिता की बेटी ने नेत्र रोग विशेषज्ञ बनने की ठानी तो उसकी मंजिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भरूच के कलेक्टर की वजह से पूरी होने की उम्मीद जगी है। भरूच जिला प्रशासन ने 1 दिन का वेतन देकर नेत्रहीन व्यक्ति की एमबीबीएस कर रही बेटी को आर्थिक रूप से सहयोग कर अपने आप में एक मिसाल कायम की है।
गौरतलब है कि गुजरात प्रदेश के भरूच जनपद के रहने वाले अय्यूब पटेल नेत्रहीन है। इंटरमीडिएट में अच्छे अंक आने के बाद अयूब पटेल की बेटी आलिया ने भी नेत्र रोग विशेषज्ञ बनकर अपने पिता की तरह आंखों की रोशनी गंवाने वाले लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनने की ठानी थी। बताया जाता है कि पिछले साल 12 मई को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के लिए आयोजित एक प्रोग्राम में शामिल हुए तो उस समय केंद्र सरकार की राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना के लाभार्थियों में से एक अय्यूब पटेल भी कार्यक्रम में मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भरूच के डेरी ग्राउंड में आयोजित उत्कर्ष पहल कार्यक्रम में जब मौजूद थे तो उस समय अय्यूब पटेल और उनके परिवार से बातचीत की थी।
बताया जाता है कि जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम था और उसमें अय्यूब पटेल और उनका परिवार भी मौजूद था। उसी दिन गुजरात का कक्षा 12 का रिजल्ट आया और उसमें अय्यूब पटेल की बड़ी बेटी आलिया के अच्छे अंक आए थे। इस कार्यक्रम में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आलिया को बात करने का मौका मिला तो उन्होंने आलिया के कैरियर के बारे में पूछा तो आलिया ने बताया कि उनके पिता की आंखों की रोशनी चले जाने के बाद वो एमबीबीएस डॉक्टर बनेगी। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अय्यूब पटेल से कहा था कि अगर उनकी बेटी के सपने को पूरा करने में कोई आर्थिक दिक्कत आती है तो वह उनसे संपर्क कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे के बाद जब आलिया की दूसरे सेमेस्टर की फीस जानी थी और उसका फीस जमा करने के लिए रुपयों का इंतजाम नहीं हो पा रहा था तब आलिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री और भरूच के कलेक्टर को आर्थिक मदद के लिए पत्र लिखा था। आलिया की कमजोर आर्थिक स्थिति के बाद भरूच के कलेक्टर सुमेरा ने इस संबंध में अपने सहयोगी से बात की और आलिया की आर्थिक मदद करने के लिए आगे आने को कहा। बताया जाता है कि जिसके बाद भरूच राजस्व विभाग के लगभग 200 अधिकारियों ने आलिया की मुश्किलों को समझते हुए 1 दिन का वेतन दान कर दिया। गुजरात राज्य में आलिया के लिए एमबीबीएस की फीस का इंतजाम करने के बारे में सुन जिला कलेक्टर सुमेरा और प्रशासनिक अफसरों की जमकर तारीफ हो रही है।