जन्मदिन विशेष- सपा के वफादार सिपाही हैं मुकेश चौधरी

उत्तर प्रदेश सरकार में रहे दर्जा प्राप्त मंत्री मुकेश चौधरी के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट...

Update: 2021-11-06 16:03 GMT

लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर के गांव मुकंदपुर में 6 नवम्बर 1973 को जन्म लेने वाले मुकेश चौधरी नाम के युवक ने छात्र जीवन से ही वर्ष 1996 में राजनीति को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था। इसके बाद वर्ष 1999 में मुकेश चौधरी ने सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी और आज भी सपा में ही रहकर कार्य कर रहे हैं। बीजेपी की सरकार से पहले उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी और मुकेश चौधरी दर्जा प्राप्त मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। उस दौरान ही गन्ना किसानों की मांग का पूरा कराने का काम किया था। देखा जाता है कि मुकेश चौधरी चुनावी मौसम में ही नहीं हर मौसम में वह जनता के बीच उनके दुःख-सुख में खड़े रहते हैं। सितम्बर माह में हुई महापंचायत में भी मुकेश चौधरी साधारण व्यक्ति के रूप में किसानों की सेवा करते दिखाई दिये थे। उत्तर प्रदेश सरकार में रहे दर्जा प्राप्त मंत्री एवं वरिष्ठ सपा नेता मुकेश चौधरी के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट...

पूर्व मंत्री मुकेश चौधरी का कहना है कि राजनीति में आने के बाद से ही वह किसानों की समस्याओं को लेकर मैदान में ही है। उन्होंने खोजी न्यूज को बातचीत में बताया कि जब भी उन्होंने किसी की समस्या का बीड़ा उठाया है तो 99 प्रतिशत लोगों की समस्या का निराकरण हुआ है। जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2012-17 की सरकार के बीच किसान निरंतर गन्ना मूल्य बढ़ने की मांग कर रहे थे। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रेट बढ़ाने को कहते थे तो मिल मालिकों की आवाज आती थी कि अगर गन्ने का मूल्य बढ़ गया तो हम मिल बंद कर देंगे।

उस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुकेश चौधरी की काफी लम्बी बैठक हुई, इस बैठक में उनका मुख्य मुद्दा किसानों के गन्ना मूल्य बढ़ाने को लेकर था। इस विस्तृत बैठक में अखिलेश यादव ने उन्हें गन्ना मूल्य बढ़ाने का आश्वासन दिया। कुछ लोग आश्वासन दे देते हैं और उस काम को पूरा नहीं करते। लेकिन अखिलेश यादव ने अपनी जुबान से किये गये वादे को पूरा भी किया। अखिलेश यादव के सामने एक समस्या उत्पन्न हो गई थी कि अगर रेट बढ़ाया तो मिल मालिक मिल बंद कर देंगे और नहीं बढ़ाया तो किसानों की फसल का उन्हें सही मूल्य नहीं मिल पायेगा। ऐसे में अखिलेश यादव ने साढ़े 26 रूपये गन्ने का मूल्य बढ़ाया। अखिलेश यादव को गन्ना मूल्य के रेट इसके बाद भी कम लग रहे थे। इसके पश्चात फिर साढ़े 13 रूपये बढ़ाये थे। कुल मिलाकर उनकी सरकार में 40 रूपये गन्ना का मूल्य बढ़ाया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बढ़ाये गये 40 रूपये का पैमेंट सपा सरकार ने अपने खाते से किया था और बाकी का पैमेंट मिल मालिकों ने ही दिया। अखिलेश यादव द्वारा बढ़ाया गया मूल्य सरकार द्वारा किसानों के खातों में भेजा गया, उनके इस फैसले से मिल मालिक भी प्रसन्न हो गये और किसान भी खुश हो गये थे।

हर मौसम में जनता के बीच रहते हैं एक्टिव

हर मौसम में जनता के बीच रहकर समस्या का समाधान कराने वाले ऐसे नेताओं में उत्तर प्रदेश सरकार में रहे दर्जा प्राप्त मंत्री मुकेश चौधरी भी मुख्य रूप से शामिल हैं। मुकेश चौधरी जब वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा की बहती में हार गये थे। लेकिन उन्होंने हारने के पश्चात भी जनता से जनसम्पर्क की डोर को नहीं टूटने नहीं दिया। वह निरंतर अपने क्षेत्र के लोगों से जाकर मिलते हैं। बताया जा रहा है पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री मुकेश चौधरी एक सप्ताह में 4 दिन क्षेत्रीय जनता के बीच में पहुंचकर लोगों का हालचाल जरूर जानते हैं। वह सप्ताह के तीन दिन अपना कार्य निपटा लेते हैं। अगर इन तीन दिनों में उनका कोई कार्य नहीं होता है तो वह बचे हुए दिन और समय को जनता के बीच में गुजारते हैं। मुकेश चौधरी सुबह 10 से 11 बजे के बीच में घर से जनता से उनका हालचाल जानने के लिये निकल जाते हैं और शाम के 5 से 6 बजे तक जनता के बीच में ही रहते हैं। जनता के बीच से घर लौटने के पश्चात अगर किसी व्यक्ति को उनसे मिलना होता है तो किसी भी समय आकर मिल लेता है।

बताया जा रहा है कि मुकेश चौधरी जिस वक्त जनता को मिलने का समय दे देते हैं, उसी टाइम मिल जाते हैं। अन्य नेताओं की तरह ऐसा नहीं है कि समय देने के बाद भी उनका इंतेजार करना पडेगा। वैसे कभी-कभी ऐसा हो भी जाता है किसी कारणवश थोड़ी देर भी हो जाती है, लेकिन वह समय दिये गये व्यक्ति से मिलते अवश्य हैं। जब वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के बीच जाते हैं जिस समय का वक्त दे देते हैं उससे 5 मिनट पहले या सटीक समय पर पहुंच जाते हैं। आपने देखा होगा कि कुछ नेता ऐसे भी होते हैं कि वह भले ही अपने घर के अंदर बैठे हो लेकिन दरवाजे पर आये व्यक्ति से काफी इंतेजार कराने के बाद मिलते हैं।

खुद की किसानों की सेवा

संयुक्त राष्ट्रीय किसान मोर्चा के आह्वान पर 5 सितम्बर 2021 को जिला मुख्यालय पर किसान महापंचायत आयोजित की गई। इस महापंचायत में लाखों किसान दिखाई दिये थे। उस दौरान मुजफ्फरनगर के नेताओं व लोगों ने उन्हें भंडारा कैंप लगाया, जिसमें महापंचायत में हिस्से लेने के लिये आ रहे किसानों को भोजन कराया या अन्य व्यंजन का स्वाद चखाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश सरकार में रहे दर्जा प्राप्त मंत्री मुकेश चौधरी ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में मीरापुर बाईपास पर किसानों को खाना खिलाने के लिये समाजवादी पार्टी कैंप लगाया। यूं तो काफी नेताओं ने किसानों को खाना खिलाने के लिये कैंप बहुत कैंप लगाये गये। लेकिन वरिष्ठ सपा नेता मुकेश चौधरी महापंचायत में हिस्सा लेने आ रहे किसानों को खुद थाली में डिस्पोजल प्लेट रखकर उनमें हलवा कर ट्रैक्टर, गाड़ियों व पैदल आ रहे किसानों को स्वयं वितरित किया है। उन्होंने निरंतर पांच घंटे तकं अपनी पार्टी की तरफ से भोजन और हलवा किसानों को खुद थाली में रखकर अपने हाथों से बांटते रहे।

जब सपा वरिष्ठ नेता किसानों को खाना और हलवा खिला रहे थे तो उनके साधारण लुक को देखकर कोई अनजान व्यक्ति ये नहीं कह सकता है कि उत्तर प्रदेश सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहकर और सपा के वरिष्ठ नेता खुद किसानों को हलवा-पुरी खिला रहे हैं। उनके क्षेत्र के लोगों ने उन्हें किसानों की सेवा करता देख उनकी प्रशंसा की और कहा कि नेता हो तो ऐसा, जो खुद ही जनता की सेवा करने के लिये जुटा हुआ है।

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