जन्मदिन विशेष- सियासत में फर्श से अर्श तक पहुंचे कपिलदेव- CM ने दी बधाई
सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी चिट्ठी भेजकर उन्हें जन्मदिवस की बधाई दी।
मुजफ्फरनगर। 6 जून 1966 को मुजफ्फरनगर रमेशचंद अग्रवाल के परिवार में जन्म लेने वाले कपिल देव अग्रवाल का आज 57वां जन्मदिन है। यूं तो उन्हें अवतरण दिवस की निरंतर शुभकामनाएं मिल रही हैं। सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी चिट्ठी भेजकर उन्हें जन्मदिवस की बधाई दी। सियासत में कपिल देव अग्रवाल ने फर्श से अर्श तक पहुंचने के लिये पूरी मेहनत और लग्न से वर्क किया। तीसरी बार विधायक और दूसरी बार यूपी सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज की विशेष रिपोर्ट...
राजनीतिक पगडंडियों से गुजर कर यूपी की सियासत में तारे की भांति चमक रहे मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा से तीसरी विधायक कपिल देव अग्रवाल का सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन संघर्षशील रहा है। उनके जीवन काल में सियासी कहानी के रूप में यदि कुछ है तो वह केवल आरएसएस की शाखाओं की दहलीज से मिली देशसेवा की सीख और इस सीख से उनके भीतर पैदा हुआ एक राष्ट्रवाद का अटूट और जुनूनी लक्ष्य...! आरएसएस से उनका बचपन और जवानी सभी कुछ प्रभावित रहा है। वह आज भी मुजफ्फरनगर से लखनऊ और वहां से दिल्ली तक आरएसएस के खेमे में एक अलग पहचान और मुकाम रखते हैं। राष्ट्रवाद के प्रति चिंता और मंथन ने ही उनको हिन्दुत्व चेहरा बना दिया है।
आरएसएस से जुड़ने के बाद वह उनके अन्दर देशसेवा की भावना फलीभूत हुई। उन्होंने अपने जीवन की शुरूआत आरएसएस की शिक्षा विंग विद्या भारती के द्वारा संचालित किये जाने वाले विद्यालयों से की है। वह 1980 में विद्या भारती के द्वारा चलाये जाने वाले सरस्वती शिशु मन्दिर में आचार्य बनकर सेवा देते रहे। इसके बाद उन्होंने सामाजिक सरोकार का लक्ष्य लेकर पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाया और काफी समय तक मुजफ्फरनगर से ही पत्रकारिता करते हुए जनहितैषी मुद्दों को उठाते हुए मिशन पत्रकारिता की। इसी बीच उन्होंने अपनी विज्ञापन एजेंसी शुरू की। इसमें भी उनकी देशसेवा के प्रति लगाव झलका, उन्होंने अपने विज्ञापन एजेंसी का नामकरण भारत माता को समर्पित किया और भारतीय एडवरटाइजिंग के सहारे व्यापार शुरू किया। मां भारती का आशीर्वाद उनको मिला और आरएसएस के प्रचारक से वह एक सफल व्यवसायिक प्रचारक बने और आज व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग के मंत्री तक पहुंचे हैं। विज्ञापन एजेंसी के रूप में एक व्यापारी और उद्यमी के रूप में पहचान बनाने वाले कपिल देव अग्रवाल के राजनीतिक जीवन ने यही से नया मोड लिया। शहर के प्रथम व्यक्ति चुने जाने के बाद उन्होंने पांच साल तक जिस प्रकार अपने विरोधियों को भी जीतकर सफलता के साथ चेयरमैनी की, उसने उनको एक परिपक्व राजनेता के रूप में जिले में स्थापित किया। यही कारण है कि 2002 में विधानसभा का टिकट लेकर पराजित होने वाले कपिल देव अग्रवाल आज उत्तर प्रदेश में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग के मंत्री बने हैं।
कपिल देव अग्रवाल 2002 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लडने के बाद से कभी भी जनसरोकार से पीछे नहीं हटे हैं, वह ऐसे राजनेता रहे जो हर समय जनता के बीच उपलब्ध रहा। उनकी सोशल इंजीनियरिंग के माहिर उनके विरोधी भी है। विधायक बने और पार्टी सत्ता में आयी तो उनकी जिम्मेदारी भी ज्यादा हो गयी। ऐसे में वह हर मौके पर मुजफ्फरनगरवासियो की समस्या के निराकरण के लिए खड़े नजर आये। जब उद्यमियों ने अपनी समस्याओं को कपिल देव के सामने रखा तो उन्होंने बिना कोई हिला-हवाली के मुजफ्फरनगर के उद्यमियों को सीधे लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने ले जाकर खड़ा कर दिया। उद्यमियों को पहली बार लगा कि सरकार में उनकी कोई सुनवाई है, वरना पूर्व की सरकारों में मुख्मयंत्री से मुलाकात उद्यमियों के लिए किसी सपने से कम नहीं थी। वहां खुद कपिल देव ने उद्यमियों की समस्याओं को लेकर सीएम योगी से पैरवी की। इतना ही नहीं, जब जनपद में जनसमस्याओं की जानकारी और सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी के रूप में राज्य के वरिष्ठ आईएएस व राज्य सरकार में सचिव व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं प्राविधिक शिक्षा भुवनेश कुमार पहुंचे तो कपिल देव अग्रवाल नोडल अधिकारी को लेकर विकास की सूरत दिखाने रामपुरी में जा पहुंचे। पूरा प्रशासनिक अमला और जनता उनके पीछे रही। अपनी ही सरकार में वह मलिन बस्तियों की उन गलियों में अफसरों के साथ घूमे, जहां लोगों का जीवन नारकीय बन चुका था। कपिल देव अग्रवाल ने नोडल अधिकारी के सामने ही रामपुरी के विकास के लिए जिला प्रशासन के अफसरों से प्रस्ताव बनवाकर शासन में भिजवाया। रामपुरी के विकास के लिए नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रोजेक्ट बनवाकर 8 करोड़ रुपये की मंजूरी दिलाने का काम किया था। तीसरी बार जीत हासिल कर लगाई हैट्रिक- भाजपा से मिला ईनाम
सदर सीट पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में लगातार तीसरी बार विधानसभा का चुनाव जीतकर कपिल देव अग्रवाल ने इतिहास रचा है। 1952 में अस्तित्व में आई सदर विधानसभा सीट पर कोई भी प्रत्याशी लगातार तीन बार नहीं जीत पाया है और ना ही कोई भी राजनीतिक पार्टी 1962 के बाद इस सीट पर लगातार हैट्रिक नहीं लगा पाई है। लेकिन अब 2022 विधानसभा चुनाव में कपिल देव अग्रवाल ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में सौरभ उर्फ बंटी स्वरूप को हराकर सदर विधानसभा सीट पर विधानसभा सीट के 70 साल के इतिहास में लगातार हैट्रिक लगाकर एक नया इतिहास रचने का काम किया। जनपद मुज़फ़्फरनगर में कपिल देव अग्रवाल ने इतिहास रचने के साथ ही भाजपा के दूसरे प्रत्याशी से अधिक मतों से वोट हासिल की। भाजपा ने कपिल देव अग्रवाल को इसका इनाम देते हुए उन्हें दोबारा से मंत्रिमंडल में शामिल किया।