सपना इंजीनियर बनने का मगर IPS बने थे अर्पित - अब बने बागपत के कप्तान
मुजफ्फरनगर में एसपी सिटी के बाद आईपीएस अफसर अर्पित विजयवर्गीय को अब बागपत जिले के कप्तान के रूप में जिम्मेदारी सौंप दी
लखनऊ। मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील जनपद में बतौर एसपी सिटी लगभग सवा 2 साल तक काम करने के बाद आईपीएस अफसर अर्पित विजयवर्गीय को अब बागपत जिले के कप्तान के रूप में जिम्मेदारी सौंप दी गई है। आईपीएस अफसर अर्पित विजयवर्गीय ने मुजफ्फरनगर में हर संवेदनशील मामले में मौके पर पहुंचकर जिस तरह से काम किया है, उससे मुजफ्फरनगर जनपद में उनकी लोकप्रियता बरकरार रही। अर्पित विजयवर्गीय एक तरफ जहां अपने दफ्तर में बैठकर फरियादियों की समस्याओं को बड़े शांत स्वभाव से सुनने के बाद त्वरित कार्रवाई कराते हैं। वह भी यह साबित करने के लिए पर्याप्त रहता है कि अर्पित विजयवर्गीय समस्या के समाधान में भरोसा रखते हैं। अब देखना यह होगा कि अर्पित विजयवर्गीय बटोर पुलिस कप्तान बागपत में किस तरह से काम करते हैं। राजस्थान के कोटा में पले बढ़े थे तो इंजीनियर बनने का ख़्वाब संजोए अर्पित अपनी स्कूलिंग एजुकेशन पूरी कर रहे थे मगर आईआईटी करते करते सीनियर्स की देखादेखी वो भी सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए और 2017 में बन गए यूपी कैडर के आईपीएस अफसर।
राजस्थान स्टेट का कोटा ज़िला। यह जनपद इंजीनियरिंग की कोचिंग के साथ साथ कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है। यहां जन्म लिया तो बच्चे की तमन्ना भी रहती है कि वो इंजीनियर बनकर देश विदेश में लाखों का पैकेज हासिल कर आरामदायक जीवनशैली गुजारे। इसी सपने को संजोए कोटा जनपद के कुन्हाड़ी रिद्धि सिद्धि नगर के निवासी अर्पित विजयवर्गीय ने अपनी स्कूलिंग शिक्षा कोटा से ही पूरी की। इंजीनियरिंग का सपना पाले अर्पित विजयवर्गीय ने आईआईटी कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया और वह खुद को इंजीनियर बनाने में जुट गए। इसी बीच उनके सीनियर एवं सहयोगी सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटे रहे। उनको देखकर अर्पित विजयवर्गीय को भी लगने लगा कि उनको इंजीनियरिंग करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी चाहिए।
इसी बीच आईआईटी कानपुर में उनके सीनियर यूके में एक बहुत बड़ा पैकेज छोड़कर वापस इंडिया लौटे और उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। जब यह बात अर्पित को पता चली तो उन्होंने ठान लिया कि उनको भी सिविल सर्विसेज में जाना है। हालांकि आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद उनको 8 लाख के पैकेज की बैंक में नौकरी मिल चुकी थी। लेकिन अब उनको सिविल सर्विसेज में जाने की इच्छा हो गई थी। अर्पित विजयवर्गीय अपने पहले प्रयास में सिर्फ सिविल सर्विसेज का प्री एग्जाम ही क्लियर कर पाए थे। उसके बाद दूसरे और तीसरे प्रयास में वह प्री के बाद मेंस एग्जाम भी क्लियर कर चुके थे। लेकिन तीसरी बार तक वह इंटरव्यू क्लीयर नहीं कर पाए थे। चौथे प्रयास में अर्पित विजयवर्गीय ने प्री, मेंस एग्जाम क्लियर करने के बाद इंटरव्यू को सक्सेसफुल पास कर लिया था। अर्पित विजयवर्गीय सिविल इंजीनियर से सिविल सविर्सेज का एग्जाम पास कर आईपीएस अफसर बन गए और उनको यूपी स्टेट का 2017 बैच अलॉट हुआ।
आईपीएस बनने के बाद अर्पित विजयवर्गीय ने बरेली में अंडर ट्रेनिंग अफसर के रूप में काम किया तो सहारनपुर जनपद में वो सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात रहे। शांत स्वभाव के अर्पित विजयवर्गीय पिछले लगभग सवा दो साल से मुज़फ्फरनगर में एसपी सिटी के पद पर बेहतर काम करते रहे और जनपद की कानून व्यवस्था को सुधारने में अपने कप्तान अभिषेक यादव, विनीत जायसवाल और अब संजीव सुमन के सहयोगी के रूप में काम कर चुके है। आईपीएस अफसर अर्पित विजयवर्गीय कहते है " कभी सोचा नही था कि आईपीएस बनकर देश एंव जनता की सेवा करने का मौका मिलेगा। मैं तो बस इंजीनियर बनना चाहता था लेकिन पुलिस में आकर अच्छा लगता है कि हम उस पद पर है, जहां पीड़ित को त्वरित न्याय दिया जाता है।