तिलिस्मी सीट- इस सीट से हो सकती है सपा की जीत की शुरूआत

अगर जनपद मुजफ्फरनगर में सपा की किसी सीट पर जीत की शुरूआत होगी तो पुरकाजी विधानसभा सीट से होगी

Update: 2021-09-26 12:12 GMT

मुजफ्फरनगर। जनपद में 6 विधानसभा सीटों में से एक विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत अभी से पक्की मानी जा रही है। यह जीत उन्हीं हालातों में सम्भव है जब पिछली दो योजनाओं से विधायक रह चुके अनिल कुमार को जनपद की पुरकाजी विधानसभा सपा के हाईकमान की ओर से टिकट दिया जाये। क्योंकि चरथावल और पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र में 10 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके पूर्व विधायक अनिल कुमार निरंतर क्षेत्रीय मतदाताओं से सम्पर्क बनाते हुए उनके सुख-दुख में शामिल होने सहज में पहुंच जाते हैं। यदि वोटों को आकलन किया जाये तो इस विधानसभा सीट पर मुस्लिम और एससी के वोटों की अच्छी खासी तादात है, जिसे हासिल कर पाना अनिल कुमार के लिये कोई ज्यादा बड़ी बात नहीं है।


दूसरी और यह बात भी जगजाहिर है कि इन दोनों ही वर्गों के लोग पोलिंग बूथ पर पहुचंते हुए अपने जनप्रतिनिधि के चुनाव के प्रति दिलचस्पी दिखाते हैं। इस नेता यही खासियत है कि वर्ष 2017 में चली बीजेपी की लहर में हारने के पश्चात भी जनता के दुःख और सुख में बेटे और भाई के रूप में शामिल होकर दिल जीतने का कार्य किया है। क्षेत्र में अनिल कुमार की सक्रियता सत्ताधारी दल के मौजूदा विधायक से भी ज्यादा रही है, जिसके चलते पूर्व विधायक अनिल कुमार को चेहरा मोहरा क्षेत्र के हर गांव के लोग जानते हैं। अगर जनपद मुजफ्फरनगर में सपा की किसी सीट पर जीत की शुरूआत होगी तो पुरकाजी विधानसभा सीट से होगी।


गौरतलब है कि जनपद मुजफ्फरनगर में 6 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें सदर, मोरना, खतौली, बुढ़ाना, चरथावल और पुरकाजी है। मुजफ्फरनगर की पुरकाजी विधानसभा सीट की बात करते हैं। पुरकाजी विधानसभा सीट का काफी बड़ा क्षेत्र पहले मोरना विधानसभा और कुछ चरथावल विधानसभा क्षेत्र में आता था। बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में वर्ष 2011 में हुए परिसीमन के दौरान पुरकाजी विधानसभा सीट का गठन हुआ था। यह विधानसभा सीट उत्तराखंड राज्य की सीमा से सटी हुई और अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। पुरकाजी विधानसभा सीट का नंबर 13 है, जिस पर 3,03,532 मत हैं। इस सीट पर सबसे अधिक लगभग एक लाख (33 प्रतिशत) मुस्लिम, 58 हजार दलित और 24 हजार के करीब वोटर हैं। इनके अतिरिक्त ठाकुर, त्यागी, पाल और ब्राहमण वोट भी हैं।


परिसीमन के पश्चात इस विधानसभा सीट पर दो बार चुनाव हो चुके हैं। दोनों बार अलग-अलग पार्टी के नेताओं ने बाजी मारी है। वर्ष 2012 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर अनिल कुमार ने इस सीट पर जीत का परचम लहरा दिया था और वर्ष 2017 में बीजेपी की बहती में ज्यादातर पूरे सूबे के पुराने विधायक उसमें बह गये थे और बीजेपी की सरकार यूपी में बन गई थी। जानकार लोगों के मुताबिक मौजूदा विधायक प्रमोद उटवाल की जीत का कारण सिर्फ बीजेपी लहर ही था। अब अगला विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में होगा, जिसकी सभी दलों ने अभी से तैयारियां शुरू कर रखी है। इस बार पुरकाजी विधानसभा सीट के रूप में यहां तीसरी बार चुनाव होगा। इस सीट पर जब पहली बार चुनाव हुआ था तो उसी समय मतदाताओं के जेहन में अनिल कुमार का नाम चढ़ गया था, जिसके चलते मतदाताओं का प्यार और विश्वास पाकर अनिल कुमार विधायक बन गये थे। उसी समय से अनिल कुमार क्षेत्रीय मतदाताओं के चहेते बने हुए हैं। भले ही वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी विधायकी भाजपा की लहर में बह गई हो लेकिन उन्हें मिले वोटों की संख्या उनके मतदाताओं पर असर को साफ-साफ दिखाती है। अक्सर देखा जा रहा है कि अन्य पार्टियों के नेता अपने दल छोड़कर सपा की साईकिल का हैंडल हाथों में थाम रहे हैं। उनका कहना है कि सपा ही ऐसी पार्टी है, जो जनता का कल्याण कर सकती है।


बता दें कि जनवरी 2020 में मुजफ्फरनगर की पुरकाजी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके अनिल कुमार ने हाथी की सवारी को छोड़ सपा का हैंडल अपने हाथों में थाम लिया था। पूर्व विधायक अनिल कुमार को अपने हाथों से खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सदस्यता ग्रहण कराई थी। जनपद मुजफ्फरनगर में पूर्व विधायक अनिल कुमार को एससी का बड़ा चेहरा माना जाता है। पुरकाजी विधानसभा सीट आरक्षित सीट है। जब पुरकाजी विधानसभा सीट का पहला चुनाव हुआ तो इस चुनाव में अनिल कुमार ने कांग्रेस के दीपक कुमार को हजारों वोटों में मात देकर जीत का परचम लहरा दिया था। यूं तो सपा के छोटे से लेकर बड़े नेता तक चुनाव की तैयारियों में जुट गये हैं। पुरकाजी विधानसभा की बात की जाये तो अनिल कुमार इस सीट को सपा के खाते में डालने व सरकार बनाने के लिये जुट गये हैं। पूर्व विधायक अनिल कुमार चरथावल और पुरकाजी से विधायक रह चुके हैं, उन्होंने इन विधानसभा क्षेत्रों में विधायक बन जनता की सेवा की है। जनता की समस्या का समय से निदान कर और उनके क्षेत्र में विकास कार्य कराकर उनके दिल जीत लिया है। इस नेता की एक खास बात यह और है कि वह जनता को फेस टू फेस जानते हैं। जनता नेता के व्यवहार को परखती है कि उसका व्यवहार उसके प्रति कैसा है, यह खूबी पूर्व विधायक अनिल कुमार में है। जनता भी अपना नेता ऐसी क्वालिटी वाला ही चाहती है क्योंकि जनता वोट ही इसलिये देती है, जो उनकी समस्याओं का निरकारण और उनके क्षेत्र को विकास कार्यों से चमका सके। बीजेपी की लहर में चुनाव हारने के पश्चात भी उन्होंने जनता से अपना जनसम्पर्क नही तोड़ा, निरंतर लोगों के बीच जाकर उनके सुख-दुख शामिल रहे। पुरकाजी विधानसभा सीट पर दलित वोट 50 हजार हैं। इन वोटों को कैच करने की बात की जाये तो पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पाले में वोट डलवाने वाले पूर्व विधायक अनिल कुमार ही एकमात्र ऐसे नेता हैं  जो यह काम करने में कामयाब हो सकते हैं। क्योंकि अनिल कुमार अपने समाज के बीच रहकर बीस साल से निरंतर कार्य कर रहे हैं और 10 साल उन्होंने विधायक के रूप में पब्लिक की सेवा की है।


पूर्व विधायक खुद एससी समाज से ताल्लुक रखते हैं और जनता में उनका एक अच्छा खास नाम और प्रभाव भी है। अगर पुरकाजी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अनिल कुमार को टिकट मिल जाता है तो उनकी जीत पक्की मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि मुस्लिम भी वोट समाजवादी पार्टी के खाते में डालकर अनिल कुमार को ही विधायक देखना चाहते हैं। अगर सपा की मुजफ्फरनगर में जीत की शुरूआत हुई, तो पुरकाजी से ही हो सकती हैं क्योंकि जनता के बीच अच्छी पकड़ और एससी समाज का बड़े चेहरा है पूर्व विधायक अनिल कुमार। बताया जा रहा है कि विधानसभा क्षेत्र की पब्लिक विधायक के रूप में अनिल कुमार को ही देखना चाहती हैं। पब्लिक का कहना है कि उन्होंने 10 साल का कार्यकाल जनता के बीच विधायक नहीं बेटा और भाई बनकर रहते हुए जनता का कल्याण किया है। बताया जा रहा है कि इस सीट को सपा हाईकमान भी नहीं अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता है क्योंकि इस सीट पर सपा का परचम लहराना पक्का माना जा रहा है।



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