छात्रों के मसीहा बनकर अड़े रहे अखिलेश के सिपाही राकेश - खूब खाई लाठियां

सपा के वरिष्ठ नेता व सदर विधानसभा से विधायक प्रत्याशी के दावेदार राकेश शर्मा पर पेश है खोजी न्यूज की खास रपट...

Update: 2021-08-06 11:21 GMT

मुज़फ्फरनगर     युवा सोच भी है नया जोश भी है

                          कुछ कर गुजरने का होश भी है

यह शेर सपा के वरिष्ठ नेता वर्ष 1993 से छात्र नेता की भूमिका निभा रहे राकेश शर्मा पर एकदम फिट बैठ रहा है। यूं तो राकेश शर्मा ने समस्याओं के निराकरण के लिये कई बड़े आंदोलन किये हैं। आज हम उनके द्वारा किये गये छात्र नेता के रूप में कुछ संघर्ष से भरी सियासत से रूबरू कराते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जब नेता आंदोलन या धरना देता है और पुलिस उन पर लाठीचार्ज कर देती है तो वह वहां से भाग जाते हैं और अपने धरने का समाप्त कर देते हैं या फिर वहां से भागकर दोबारा से धरना देते हैं। कुछ ही चुनिंदा नेता ऐसे होते है जो जनसेवा के लिये लाठियां खा लेते है और अपनी गिरफ्तारी देने से नहीं घबराते हैं। ऐसे ही नेताओं में राकेश शर्मा भी शामिल हैं। सपा के वरिष्ठ नेता व सदर विधानसभा से विधायक प्रत्याशी के दावेदार राकेश शर्मा पर पेश है खोजी न्यूज की खास रपट...  


गौरतलब है लगभग 2 दशक पूर्व छात्रों की प्रवेश समस्या को लेकर तत्कालीन छात्र नेता राकेश शर्मा के नेतृत्व में आंदोलनरत छात्रों ने एसडी डिग्री कॉलेज से नारेबाजी करते हुए जुलूस शुरू किया था। छात्रों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए एसडी कॉलेज द्वार, द्वारिका मोड, कचहरी द्वार, आदि के स्थानों पर जाम लगाकर यातायात अवरुद्ध किया। नारेबाजी करता छात्रों का जुलूस कचहरी स्थित तत्कालीन एडीएम प्रशासन जयप्रकाश सगर के कार्यालय पहुंचा। राकेश शर्मा के संग छात्र नारेबाजी करते हुए तत्कालीन अपर जिलाधिकारी सागर के कार्यालय में घुस गए थे। छात्रों ने उनका घेराव कर प्रवेश की समस्या के समाधान की मांग की थी। छात्रों की भीड़ से घिरे एडीएम प्रशासन जयप्रकाश सगर ने छात्रों से बातचीत से इंकार कर दिया। छात्रों की भविष्य को देखते हुए इस दौरान छात्रों की कमान संभाल रहे राकेश शर्मा की तत्कालीन एडीएम जयप्रकाश सगर से तीखी झड़प हो गई थी। राकेश शर्मा के संग गुस्से में भरे छात्र नारेबाजी करते हुए दोबारा जिला परिषद मार्किट के सामने जाम लगाने के पश्चात शिव चौक पर जमा हो गए। छात्रों के शिव चौक पर जमा होने की सूचना मिलते ही तत्कालीन अपर जिलाधिकारी सागर ने सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी को पुलिस फोर्स के साथ शिव चौक पर भेजा और तत्कालीन एडीएम प्रशासन खुद भी शिव चौक पर पहुंच गये। इस दौरान भारी पुलिस बल व प्रशासन के अधिकारियों से राकेश शर्मा नहीं दबे और उन्होंने घोषणा की थी कि जब तक प्रशासन छात्रों की समस्याओं को निराकरण नहीं करेगा, तब तक शिव चौक पर धरना जारी रहेगा। राकेश शर्मा छात्रों की समस्याओं का निराकरण कराने के लिये अड़े रहे। इस दौरान प्रशासन व पुलिस बल ने राकेश शर्मा व उनके साथ धरना दे रहे छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाकर बेरहमी से पिटाई की थी। इस दौरान पुलिस की डंडों से राकेश शर्मा व उनके साथियों को काफी चोट आई थी।


राकेश शर्मा चोट आने पर भी शिव चौक पर ही छात्रों की समस्याओं को लेकर अड़े रहे। इसके पश्चात एडीएम प्रशासन, सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी उन्हें व उनके साथियों को गिरफ्तार कर कोतवाली ले गये। राकेश शर्मा ने गिरफ्तार किये गये छात्रों का इलाज कराये जाने की मांग की, जिस पर उनसे पुलिस प्रशासन ने दोबारा दुर्व्यवहार किया था। छात्र नेता राकेश शर्मा की गिरफ्तारी के बाद छात्रों में रोष व्याप्त हो गया था। छात्रों ने दोबारा धरना देना शुरू किया तथा डीएवी कॉलेज में छात्रों की छुट्टी करा दी थी। डीएवी कॉलेज से प्रदर्शन करते हुए छात्रों को ग्रुप राजकीय इंटर कॉलेज और चौधरी छोटूराम कॉलेज में पहुंचा। एसडी कॉलेज के प्राचार्य की छात्रों से वार्ता के बाद कॉलेज बंद करने का भरोसा दिलाया। उधर कोतवाली में लाए गए छात्र कोतवाली कार्यालय के समक्ष दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए। छात्र नेता राकेश शर्मा ने आंदोलनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए छात्रों की चिकित्सा कराने की मांग की थी । छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर छात्र नेताओं की गिरफ्तारी लाठीचार्ज व प्रवेश की समस्या के विरोध में धरना देना शुरू कर दिया था। पुलिस अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए छात्र नेताओं को छोड़ दिया था। लेकिन राकेश शर्मा जेल भेजे जाने की मांग पर अड़े रहे। उस दिन की शाम तक छात्र जेल भेजे जाने की मांग के समर्थन में पानी में भोजन आदि की व्यवस्था किए जाने के विरोध में कोतवाली में नारेबाजी करते रहे। छात्र नेता राकेश शर्मा व छात्रों को जेल भेजने के लिये कोतवाली पर गाड़ी भी मंगवा ली गई थी। पुलिस ने गुस्से भरे छात्रों को देखते हुए पुलिस ने राकेश शर्मा व छात्रों को बिना किसी शर्त के छोड़ दिया था। कोतवाली से बाहर आते ही राकेश शर्मा की अगुवाई में छात्रों ने नारेबाजी करते हुए रूड़की रोड़ व अंसारी रोड़ से होकर चले गये थे। छात्र नेता राकेश शर्मा ने घुटने नहीं टेके और जब तक अड़े रहे, तब तक छात्रों की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ था।


इसके अलावा एक बार एसडी डिग्री कॉलेज में बीए द्वितीय और बीएससी तृतीय को छोड़कर बाकी तमाम कक्षाओं के लिए प्रवेश चल रहे थे। प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या अधिक होने के बावजूद फीस का वाउचर काटने के लिए सिर्फ दो ही लिपिक बैठे थे। पंजाब एंड सिंध बैंक में छात्रों की फीस जमा हो रही थी यहां पर सिर्फ एक ही क्लर्क बैठाया हुआ था। काफी देर से खड़े छात्रों में गुस्से में आकर कहासुनी हो गई। कहासुनी के बाद मामला इतना आगे बढ़ गया कि दोनों पक्षों में बेल्ट व लात-घुसे चले। इस पर तत्कालीन चीफ प्रॉक्अर एनपी सिंह व अनुशासन के समिति के अन्य सदस्यों ने छात्र विजय शर्मा को पकड़कर एक रूम में बंद कर दिया। राकेश शर्मा ने कमरे में बंद छात्र को छुड़वा लिया था। इसी दौरान वाउचर के लिये काफी देर से लाइन में खड़े छात्रों को जानकारी हुई कि बीए के प्रथम वर्ष में प्रवेश फिलहाल के लिये रोक दिया गया और इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई। इस सूचना से छात्रों में रोष व्याप्त हो गया था। कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने पुलिस को फोन कर थाना नई मंडी से सात-आठ पुलिस वालों को बुला लिया। पुलिस ने आते ही छात्रों को लाठी फटकारते हुए वहां से तितर-बितर कर दिया। इससे छात्रों में भारी रोष उत्पन्न हो गया। छात्र नेता राकेश शर्मा व छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस और राकेश शर्मा की तीखी झड़प हो गई थी। राकेश शर्मा ने विद्यालय परिसर में पुलिस के प्रवेश पर आपत्ति जताकर पुलिस को परिसर से बाहर जाने के लिये बोला, जिस पर पुलिस ने कार्यवाहक प्रधानाचार्य को कॉल कर दी। यह सुनकर उन्होंने वहां आने की बात कही। लेकिन छात्रों ने नारेबाजी करते हुए विद्यालय में घुसकर प्रधानाचार्य कक्ष को बंद कर दिया था।

इसके बावजूद राकेश शर्मा के नेतृत्व में छात्रों ने नारेबाजी करते हुए पुलिस को विद्यालय से बाहर निकाल दिया था। इस दौरान छात्र नेता राकेश शर्मा ने मांग करते हुए कहा था कि इस विद्यालय में भी अन्य विद्यालयों की तरह ही अधिक छात्रों के प्रवेश लिया जाये। राकेश शर्मा ने कहा कि दूसरे कॉलेजों में एक सेक्शन में सैंकड़ों छात्रों को एडमिशन दिया जा रहा। इसके अलावा राकेश शर्मा ने वाउचर काटने के लिये तीन और काउंटर खोलने तथा बैंक में फीस जमा करने के लिये ठीक व्यवस्था की जाये। राकेश शर्मा के प्रयास से कॉलेज प्रशासन ने पंजाब एंड सिंद्ध बैंक को फीस जमा करने के लिये समुचित व्यवस्था की जाये। इसी दौरान नई मंडी के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गये। पुलिस ने आते ही छात्रों पर पट्टा बजाना शुरू कर दिया, तो राकेश शर्मा की पुलिस से दोबारा झड़प हो गई थी। राकेश शर्मा के संग वहां तमाम मौजूदा छात्रों ने पुलिस और कॉलेज के विरूद्ध खूब जमकर नारेबाजी की। प्रधानाचार्य कक्ष के बाहर जमा छात्रों ने वहां ताला तोड़ दिया। इसी दौरान राकेश शर्मा ने कहा था कि विद्यालय में गुंडागर्दी के विरुद्ध है लेकिन विद्यालय परिसर में पुलिस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। राकेश शर्मा के प्रयास से छात्रों की समस्या का निराकरण हो गया था।

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