नोट बनाने का कारखाना चलाते तीन दबोचे-एक के बदले मिलते 3 लाख

पुलिस द्वारा किन-किन लोगों को कारखाने में बने नोटों की खेप पहुंचाई गई है, इसकी जांच अभी की जा रही है

Update: 2021-10-16 10:12 GMT

मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव एवं एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय की अगुवाई में शहर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए नकली नोट बनाने का कारखाना चला रहे तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी संख्या में कारखाने के भीतर निर्मित किए गए नकली नोट एवं उन्हें बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस द्वारा किन-किन लोगों को कारखाने में बने नोटों की खेप पहुंचाई गई है, इसकी जांच अभी की जा रही है।


शनिवार को पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित की गई प्रेस वार्ता में मीडिया कर्मियों को जानकारी देते हुए एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया है कि शहर कोतवाली पुलिस ने प्रभारी निरीक्षक की अगुवाई में कोतवाली क्षेत्र के रामलीला टिल्ला पर मुखबिर द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एक मकान पर छापामार कार्यवाही की। जहां पर नकली नोट बनाने का कारखाना चलता हुआ पाया गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कारखाने के भीतर नकली नोटों का निर्माण कर रहे मूल रूप से जनपद सहारनपुर के थाना देवबंद क्षेत्र के ग्राम मतौली और हाल निवासी रामलीला टिल्ला अनमोल कुमार पुत्र कृपाल सिंह, थाना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम लकड़संधा निवासी अनिकेत पुत्र सत्यपाल और जनपद हरिद्वार के थाना गंगनहर क्षेत्र के ग्राम पनियाला निवासी दीपक पुत्र भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को मौके से 12 हजार दो सौ रुपए के नकली नोट, इसमें 200 रुपए के 21 तथा 500 रुपये के 16 नोट, 50 सफेद पेपर, 8 गड्डी डाई टाइप पैक नोट, 500 रूपये के एक तरफा छपे हुए 70 नोट तथा ब्रदर कंपनी का एक कलर प्रिंटर बरामद हुआ है। एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया है कि पकड़े गए आरोपियों से ही गई पूछताछ में पता चला है कि वह एक लाख रुपए के असली नोटों के बदले 3 लाख रुपए के नकली नोट देने का लालच देते थे। उन्होंने बताया है कि आरोपियों द्वारा अपने कारखाने में तैयार किए गए नकली नोटों की किन-किन लोगों को आपूर्ति की गई है, पुलिस इसका पता लगाने के लिए अभी मामले की गहनता के साथ छानबीन कर रही है।





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