डीएम दफ्तर का सस्पेंड कर्मचारी अब इस बड़े मामले में अरेस्ट
धोखाधड़ी के सहारे रुपए निकालने पहुंचे चपरासी को बैंक कर्मियों ने दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया है।
मेरठ। डीएम दफ्तर से तकरीबन 12 साल पहले निलंबित किया गया चपरासी बैंक खातों में सेंधमारी करते हुए फ्रॉड करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में दोबारा से धोखाधड़ी के सहारे रुपए निकालने पहुंचे चपरासी को बैंक कर्मियों ने दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया है।
लाल कुर्ती थाना क्षेत्र के वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित एक बैंक में फर्जी हस्ताक्षर करते हुए दूसरे के खाते से नकदी निकालने के लिए पहुंचे नटवरलाल को बैंककर्मियों ने शक होने पर पकड़ लिया है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को अपने कब्जे में लेकर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से पुलिस को कई एटीएम कार्ड एवं चेक बुक आदि साजो सामान बरामद हुआ है।
बताया जा रहा है कि मीठेपुर इंचौली का रहने वाला मनोज बैंक में विनोद शर्मा नाम के व्यक्ति के खाते से रुपए निकालने के लिए पहुंचा था। जैसे ही मनोज ने बैंक कैशियर को विड्रोल स्लिप थमाई तो खजांची को उसके ऊपर शक हो गया। कैशियर ने जब उसका नाम पूछा तो उसने स्वयं को मनोज कुमार सागर बताया, उसी दौरान विनोद भी बैंक में पहुंच गया। पूछताछ होने पर बैंककर्मियों को जब युवक के ऊपर ज्यादा संदेह हुआ तो उन्होंने लालकुर्ती थाना पुलिस को सूचना देकर बैंक में बुला लिया। पुलिस हिरासत में लिए गए मनोज को लेकर थाने आ गई, जहां की गई पूछताछ में पता चला कि वह बैंक में रेकी कर लोगों के हस्ताक्षर चोरी करने के बाद उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उनके खातों से पैसे निकाल लेता था।
पुलिस को आरोपी के पास से कई बैंकों की चेक बुक, दर्जनों एटीएम कार्ड, आईडीएफसी बैंक के पांच वर्क तथा 31 चेक मोबाइल एवं नशे के इंजेक्शन बरामद हुए हैं। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला कि आरोपी के खिलाफ विभिन्न थानों में 8 मुकदमे दर्ज है और तकरीबन 12 साल पहले वह डीएम दफ्तर पर चपरासी के तौर पर तैनात था। लेकिन अनियमितताओं के चलते उसे सस्पेंड कर दिया गया था। उसी समय से वह अपने और परिवार के खर्चाे की पूर्ति के लिए नटवरलाल बनकर फ्रॉड करने के धंधे में जुट गया था।