लापता कमांडो की नक्सलियों ने जारी की तस्वीर-सड़क पर उतरा परिवार
नक्सलवादियों द्वारा हुई मुठभेड़ के बाद से लापता हुए कोबरा कमांडो की तस्वीर जारी की गई है।
बीजापुर। नक्सलवादियों द्वारा छत्तीसगढ में शनिवार को हुई मुठभेड़ के बाद से लापता हुए कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की तस्वीर जारी की गई है। नक्सलियों ने एक बयान जारी करते हुए मंगलवार को ही यह बताया था कि 3 अप्रैल से लापता हुआ कोबरा जवान उनके कब्जे में है। उधर राकेश्वर सिंह का परिवार उनकी रिहाई की मांग करते हुए सड़क पर धरना दे रहा है। उन्होंने मांग उठा रखी है कि सरकार राकेश्वर सिंह की सुरक्षित रिहाई तुरंत सुनिश्चित करें।
बुधवार को नक्सलवादियों ने पिछले शनिवार को बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ के दौरान लापता हुए कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की तस्वीर जारी की है। तस्वीर में कोबरा कमांडो बैठे हुए स्वस्थ दिखाई दे रहे हैं। सुकमा के स्थानीय पत्रकारों ने यह दावा किया है कि नक्सलवादियों ने उन्हें कोबरा जवान की तस्वीर भेजी है। गौरतलब है कि बीती 3 अप्रैल को बीजापुर सुकमा बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे।
इस मुठभेड़ में घायल हुए 31 जवानों का अभी तक इलाज चल रहा है। मुठभेड़ वाले दिन से ही सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान राकेश्वर सिंह मन्हास लापता है। नक्सलवादियों ने चिट्ठी लिखकर यह बताया है कि लापता हुआ जवान उनके कब्जे में है। हालांकि नक्सलवादियों ने कमांडों की रिहाई के लिये यह शर्त भी रखी है कि सरकार जवान की रिहाई के लिए एक मध्यस्थ नियुक्त करें। इसके बाद ही वह जवान को रिहा करेंगे। उधर सीआरपीएफ कमांडो के परिजनों के साथ सैकड़ों लोगों ने बुधवार को सड़क यातायात को बाधित करते हुए धरना दिया। लोगों ने प्रदर्शन करते हुए सरकार से मांग उठाई है कि जल्दी से जल्दी कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराया जाए। प्रदर्शन करते हुए परिजनों और अन्य लोगों ने मांग की है कि जिस तरीके से सरकार ने अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान से तत्काल कार्रवाई करते हुए रिहा कराया था। ठीक उसी तरह से राकेश्वर सिंह को भी माओवादियों के कब्जे से मुक्त कराया जाए।