बंदी की मौत के मामले में होगी मजिस्ट्रेट जांच

सीजेएम कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए आदेश दिया कि बंदी की मृत्यु के कारण की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा किए जाने का प्रावधान है।;

Update: 2020-10-16 05:14 GMT

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर के जिला कारागार में बंदी की मौत के मामले में अदालत ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं।

इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ( चतुर्थ ) प्रकाश चन्द्र शुक्ला ने सीजेएम कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए आदेश दिया कि बंदी की मृत्यु के कारण की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा किए जाने का प्रावधान है ।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि मृतक के पिता राजाराम ने निचली अदालत में जेल अधीक्षक और वार्डन समेत छह आरोपियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था कि जेल में उसके पुत्र संजय के साथ बंदियों से मारपीट हुई थी। इलाज के दौरान उसकी बीएचयू में मृत्यु हुई।

उधर क्षेत्राधिकारी ने मामले में रिपोर्ट दिया कि संजय बीमार था और उसका इलाज बीएचयू में हो रहा था वही इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। रिपोर्ट के आधार पर सीजेएम ने प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।

मृतक के पिता राजाराम ने सेशन कोर्ट में निगरानी दाखिल किया कि जेल में और जेल के बाहर के अस्पतालों में संजय के इलाज के बाबत भी कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया न ही डॉक्टर का बयान लिया गया। सुनियोजित ढंग से मारपीट के बाद संजय का दवा इलाज नहीं कराया गया जिससे उसकी मृत्यु हो जाए। उसने हत्या का आरोप लगाया। कोर्ट ने आदेश दिया के न्यायिक अभिरक्षा में मृत्यु के संबंध में मजिस्ट्रेट की जांच का प्रावधान है क्योंकि जांच से स्पष्ट हो जाता कि मृत्यु स्वाभाविक है अथवा अस्वाभाविक,जेल में निरूद्ध रहने के दौरान क्या चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई।

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