IPS के 3 माह- थाने का किया कायाकल्प

आईपीएस अफसर ने थाने का अपनी अनोखी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए थाने का पूरी तरह से कायाकल्प कर दिया है

Update: 2021-02-02 07:24 GMT

मुजफ्फरनगर। वर्ष 2019 बैच के आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र यादव ने सिखेड़ा थाने के तीन माह के कार्यकाल के दौरान अपनी अनोखी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए थाने का पूरी तरह से कायाकल्प कर दिया है। उन्होंने अपने प्रयासों से थाने को इस तरह से विकसित किया कि सिखेड़ा जनपद मुजफ्फरनगर का प्रथम आदर्श थाना बन गया है। जहां उन्होंने पुलिस कर्मियों के आराम की पूर्ण व्यवस्था थाने में की है, वहीं पुलिस कर्मियों को स्वस्थ रखने के लिए वालीबाॅल मैदान की व्यवस्था कराई है। साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था भी पुलिस कर्मियों के लिए की गई है। उनके द्वारा मालखाने का जिस प्रकार से डिजिटलाईजेशन किया गया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। अल्पसमय में ही आईपीएस विवेक चन्द्र यादव ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सभी को चौंका दिया है।

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आईपीएस विवेक चन्द्र यादव को शासन ने जनपद मुजफ्फरनगर में अंडर ट्रैनी के रूप में भेजा है। आईपीएस विवेक चन्द्र यादव को अंडर ट्रैनी अफसर के रूप में थाना सिखेड़ा पर तैनात किया गया था। 26 अक्टूबर 2020 से 26 जनवरी 2021 तक उन्होंने थाना सिखेड़ा का कार्यभार संभाला। अब उनको सीओ सदर के पद की जिम्मेदारी दी गई है। तीन माह के सिखेड़ा थाने के कार्यकाल के दौरान उन्होंने थाने का कायाकल्प करते हुए उसे मुजफ्फरनगर का पहला आदर्श थाना बनाने का सराहनीय कार्य किया है। आईपीएस विवेक चन्द्र यादव के प्रयास से जनपद को पहले आदर्श थाने का तोहफा मिला है।


आईपीएस विवेक चन्द्र यादव ने अपनी सूझबूझ और कार्यकुशलता का परिचय मात्र तीन माह के सिखेड़ा थाने के कार्यकाल में ही दे दिया है। उन्होंने जिस प्रकार से इतने कम समय में थाने का कायाकल्प करते हुए आदर्श थाना विकसित किया है, उसकी चहुंओर प्रशंसा हो रही है। आईपीएस विवेक चन्द्र यादव द्वारा सिखेड़ा थाने में माॅडल जीडी कार्यालय बनाया गया है। इस कार्यालय में अत्याधुनिक कम्प्यूटर लगाये गये हैं, जिसमें कि पुलिस कर्मी आराम से बैठकर कार्य कर सकें।


इसके अलावा आदर्श रसोई का निर्माण कराया गया है। उक्त रसोई में अच्छी क्वालिटी के लिए पत्थर लगवाये गये हैं और पानी की भी सही ढंग से व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी पुलिस कर्मी को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। प्रत्येक थाने में दो वक्त भोजन मिलता है। लेकिन इस थाने में सुबह के समय पुलिस कर्मियों को ब्रेकफास्ट की भी व्यवस्था की गई है। अर्थात पुलिस कर्मियों को तीन वक्त भोजन देने वाला सिखेड़ा पहला थाना बन गया है।


थाने में आदर्श बाथरूम का निर्माण कराया गया है। इसमें अच्छी क्वालिटी के शाॅवर लगवाये गये हैं। बाथरूम के बाहर बड़े-बड़े शीशे लगवाये गये हैं, जिसके नीचे माॅडर्न वाॅशबेसिन लगे हुए हैं। देखने में ही शीशे और वाॅशबेसिन काफी आकर्षक लग रहे हैं।

सिखेड़ा थाने में आदर्श बैरक की स्थापना कराई गई है। इन बैरकों में पुलिस कर्मियों के आराम की अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। बैरकों में सामान रखने के लिए अलमारियां बनवाई गई हैं। जो बैड बनवाये गये हैं, उनमें भी काफी स्पेस दिया गया है। बैड को नीचे से खोलकर उसमें बड़े बैगों को आसानी से रखा जा सकता है। इससे स्थान की तो बचत होती ही है, साथ ही सभी चीजें व्यवस्थित रहती हैं। बैड पर अच्छी क्वालिटी के गद्दों की व्यवस्था की गई है। मोबाइल चार्जिंग के लिए बैड के बराबर में बिजली के बोर्ड लगाये हैं।


सिखेड़ा थाने पर पुलिस कर्मियों के लिए रेस्टिंग हट की स्थापना की गई है। इस आरामदायक झोपड़ी में एक टेबिल व चार आरामदायक कुर्सियां डलवाई गई हैं, जिससे कि फुर्सत के क्षण पुलिस कर्मी यहां बैठकर आराम से बिता सकें। पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य की लिहाज से वालीबाॅल के मैदान का निर्माण कराया गया और उसमें वालीबाॅल खेलने की पूरी व्यवस्था कराई गई। स्वास्थ्य को फिट रखने की जरूरत को समझते हुए आईपीएस द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

आदर्श थाना सिखेड़ा में सबसे महत्वपूर्ण जो कार्रवाई की गई है, वह है मालखाने का डिजिटलाईजेशन। मालखाने को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है। इसके तहत कैश प्रोपर्टी को आरएफआईडी द्वारा टैग किया गया है। इससे कोई भी एविडेंस बाहर जाये, तो उसकी अपने आप ट्रेकिंग हो जायेगी और डिजिटल रिपोर्ट बन जायेगी। इससे भविष्य में उस एविडेंस की स्थिति स्पष्ट करने में सुविधा होगी। मालखाने को डिजिटल करने के लिए प्रयोग होने वाले साॅफ्टवेयर की कीमत बाजार में लगभग एक लाख रुपये थी। लेकिन एक लाख रुपये की भारी भरकम रकम को आईपीएस ने सूझबूझ से हल कर दिया। उन्हें पता चला कि थाने में तैनात हैड कांस्टेबिल ज्ञानसिंह साॅफ्टवेयर इंजीनियिर भी हैं। आईपीएस के कहने पर हैड कांस्टेबिल ने मात्र दो दिनों में उक्त साॅफ्टवेयर को बना दिया। मालखाने के गेट पर एक जैमर लगाया गया है, जो कि साॅफ्टवेयर के थ्रू मालखाने से बाहर माल जाने व आने की ऑटोमेटिकली रिपोर्ट तैयार करता है।


थाने में विवेचकों को ट्रेनिंग देने की व्यवस्था भी गई हैं। इस दौरान उन्हें बताया जाता है कि घटनास्थल पर प्राप्त साक्ष्य साईंटिफिक तरीके से हेंडल कर किस प्रकार से जांच के लिए भेजा जाये। थाने में पुलिस कर्मियों को टाईपिंग स्पीड बढ़ाने के टिप्स देते हुए उन्हें ट्रेनिंग दी गई है, ताकि उनके ऊपर किसी प्रकार का बोझ पड़े। आईपीसी के प्रयासों के चलते सिपाही गांव-गांव जाकर ग्रामीणों से मुलाकात करते हैं। इससे पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ता है।

आईपीएस विवेक चन्द्र यादव ने हालचाल दस्ते का गठन भी किया है। सिखेड़ा थाने में 21 गांव आते हैं। दस्ते का कार्य है कि वे गांवों के सम्मानित व्यक्तियों से हाल-चाल जानें और यदि उनके पास कोई सूचना है, तो उस पर गंभीरता के साथ कार्रवाई करें। सभी गांवों के 10-10 सम्मानित लोगों को व्हाट्सऐप ग्रुप पर जोड़ा गया है।


आईपीएस विवेक चन्द्र यादव ने सिखेड़ा थाने को आदर्श बनाते हुए पुलिस कर्मियों को भी बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने सभी पुलिस कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश घोषित किया है। यदि पुलिस कर्मी चाहे तो अपनी आवश्यकतानुसार वीकली ऑफ को चेंज कर सकते हैं, लेकिन सभी के लिए वीकली ऑफ की व्यवस्था उनके द्वारा अनिवार्य किया गया है। आईपीएस ने थाने पर आने वाले फरियादियों के लिए भी विशेष व्यवस्था की है। इस नई व्यवस्था के अनुसार यदि फरियादी अज्ञात में किसी के खिलाफ तहरीर देता है, तो तुरंत एफआईआर दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। नामजद तहरीर के आधार पर यदि पुलिस को मामला सत्य प्रतीत होता है, तो भी तुरंत एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान किया गया है। वहीं यदि नामजद तहरीर में पुलिस को कोई संशय होता है, तो 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज न करने का कारण सहित रिपोर्ट वादी को दिये जाने का प्रावधान किया गया हैं। आईपीएस विवेक चन्द्र यादव ने बताया कि सिखेड़ा थाना सूबे में ऐसा पहला थाना है, जिसमें सभी अत्याधुनिक सेवाएं मौजूद हैं।

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